कमाल है ना........!!! Hindi suvichar.....
कमाल है ना........
आँखें तालाब नहीं,
फिर भी भर आती है.......!
दुश्मनी बीज नहीं,
फिर भी बोयी जाती है........!
होठ कपड़ा नहीं
फिर भी सिल जाते है........!
किस्मत सखी नहीं
फिर भी रूठ जाती है.........!
बुध्दि लोहा नहीं,
फिर भी जंग लग जाती है........!
आत्मसम्मान शरीर नहीं,
फिर भी घायल हो जाता है........!
इन्सान मौसम नहीं,
फिर भी बदल जाता है........!!!!
प्रभात.........
आँखें तालाब नहीं,
फिर भी भर आती है.......!
दुश्मनी बीज नहीं,
फिर भी बोयी जाती है........!
होठ कपड़ा नहीं
फिर भी सिल जाते है........!
किस्मत सखी नहीं
फिर भी रूठ जाती है.........!
बुध्दि लोहा नहीं,
फिर भी जंग लग जाती है........!
आत्मसम्मान शरीर नहीं,
फिर भी घायल हो जाता है........!
इन्सान मौसम नहीं,
फिर भी बदल जाता है........!!!!
प्रभात.........
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