आजकल किसी के पास वक़्त नहीं........ Hindi suvichar

खुशी तो है लोगों के दामन में,
   पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं........

दिन-रात दौड़ती इस दुनिया में,
   जिंदगी के लिए भी वक़्त नहीं.........

मां की लोरी का एहसास तो है,
   पर मां को मां कहने का वक़्त नहीं.........

सारे रिश्तों को तो हम मार चुके हैं,
   अब उन्हें दफनाने का भी वक़्त नहीं.........

सारे नाम नंबर तो है मोबाइल में,
   पर दोस्ती के लिए भी वक़्त नहीं..........

गैरों की क्या बात करें हम यारों,
  जब अपनों के लिए भी वक़्त नहीं.........

आंखों में भरी है बड़ी नींद गहरी,
   पर सोने के लिए भी वक़्त नहीं.........

दिल है गमों से भरा हुआ,
   पर रोने के लिए भी वक़्त नहीं.........

मोह माया के पिछे ऐसे भागे की,
   थक कर बैठने का भी वक़्त नहीं.........

पराए एहसास की क्या कद्र करें,
   जब आपने सपनों के लिए ही वक़्त नहीं.........

तू ही बता ऐ जिंदगी,
   इस जिंदगी का क्या होगा.........??

हर पल मरने वालों को,
   जीने के लिए आज वक़्त नहीं.........

प्रभात........

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