वाह रे इंसान........!! Hindi suvichar

वाह रे इंसान........
🔶🔸🔸🔹🔹🔷

लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है.....
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है.....

छोड़ देते हैं भोजन जिसमें एक बाल है.....
फिर क्यो खाते हो अंडा जिसमें एक मां का लाल है.....

एक पत्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है.....
और भगवान बन जाता है.....

इंसान हर रोज मंदिर जाता है.....
फिर भी पत्थर बन जाता है.....

एक औरत बेटे को जन्म देने के लिए,
अपनी सुन्दरता त्याग देती है.....

और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए,
अपनी मां को त्याग देता है.....

जीवन में हर जगह हम जीत चाहते हैं.....
सिर्फ फूल वाले की दुकान एक ऐसी है.....

जहां हम कहते हैं हमें हार चाहिए,
क्योंकि हम भगवान से जीत कभी नहीं सकते......!!

प्रभात...........

Comments

Popular posts from this blog

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

ये वतन है हिन्दुस्तान हमारा.....!! Hindi desh bhakti poem

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar