धन और‌ धर्म से बदलता मनुष्य........ Hindi suvichar

मनुष्य की चाल,
धन से भी बदलती है..........

और..........

धर्म से भी बदलती है..........

जब धन संपन्न होता है,
तब अकड़ कर चलता है.......….

और...........

जब धर्म संपन्न होता है,
तो विनम्र होकर चलता है...........

जिंदगी भले छोटी देना मेरे भगवन्,

मगर देना ऐसी...…....

कि सदियों तक लोगो के दिलों मे जिंदा रहूँ.....…...

और..........

हमेशा अच्छे कर्म कर सकूं...........

प्रभात..........

Comments

Popular posts from this blog

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

ये वतन है हिन्दुस्तान हमारा.....!! Hindi desh bhakti poem

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar