पिया तेरे नाम का मैं सिंगार करूं....!! Hindi love poem
जब भी मैं बैठूं आईने के सामने,
पिया तेरे नाम का मैं सिंगार करूं....!
सोचूं मैं जो मेरे अंग पे सजे,
उन सारी चीजों को तेरे नाम करूं....!
भिगोकर अपनी चाहत से,
मेरी उलझी लटों को तू संवार दे....!
भार के मुझे तू अपनी बाहों में,
सर पे धानी चुनर तू मुझे ओढ़ा दे....!
चुटकी भर सिंदूर लगाकर,
पिया फिर मेरी सुनी मांग सजा दे....!
पिया चेहरा मेरा और खिल जाए,
चांद सी बिंदिया जब तू माथे लगा दे....!
आंखों में खिंच के काजल की लकीरें,
सुर्ख होंठों पे प्यार की लाली लगा दे...!
पहनाकर कांच की हरी चुडियां,
पांव में बिछुआ और पायल सजा दे....!
रोम रोम मेरा खिल जाए पिया,
जब तू मुझे अपने हाथों सजा दे....!
सात जन्मों का बंधन है हमारा,
हर जन्म तू मुझे अपनी अर्धांगिनी बना दे....!!!
प्रतिभा.............
तेरा मेरा साथ रहे 👫💞
पिया तेरे नाम का मैं सिंगार करूं....!
सोचूं मैं जो मेरे अंग पे सजे,
उन सारी चीजों को तेरे नाम करूं....!
भिगोकर अपनी चाहत से,
मेरी उलझी लटों को तू संवार दे....!
भार के मुझे तू अपनी बाहों में,
सर पे धानी चुनर तू मुझे ओढ़ा दे....!
चुटकी भर सिंदूर लगाकर,
पिया फिर मेरी सुनी मांग सजा दे....!
पिया चेहरा मेरा और खिल जाए,
चांद सी बिंदिया जब तू माथे लगा दे....!
आंखों में खिंच के काजल की लकीरें,
सुर्ख होंठों पे प्यार की लाली लगा दे...!
पहनाकर कांच की हरी चुडियां,
पांव में बिछुआ और पायल सजा दे....!
रोम रोम मेरा खिल जाए पिया,
जब तू मुझे अपने हाथों सजा दे....!
सात जन्मों का बंधन है हमारा,
हर जन्म तू मुझे अपनी अर्धांगिनी बना दे....!!!
प्रतिभा.............
तेरा मेरा साथ रहे 👫💞
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