मनुष्य का जीवन गीता सार.....!! Hindi suvichar
आप चिंता करते हो तो व्यर्थ है..!
मौत से जो डरते हो तो व्यर्थ है...!!
आत्मा तो चिर अमर है जान लो...!
तथ्य यह जीवन का सच्चा अर्थ है...!!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
भूतकाल जो गया जो अच्छा गया...!
वर्तमान देख लो जो चलता भया...!!
भविष्य की चिन्ता सताती है तुम्हें...!
है विधाता सारी रचना रच गया...!!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
नयन गीले हैं तुम्हारा क्या गया...?
साथ क्या लाए जो तुमने खो दिया...??
किस लिए पछता रहे ये तुम कहो...!
जो लिया तुमने यही से है लिया...!!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
नंगें तन पैदा हुए ले खाली हाथ...!
कर्म सदा रहता है मानव के साथ...!!
सम्पन्नता पर मग्न तुम होते रहो...!
एक दिन तुम भी चलोगे खाली हाथ...!!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
धारणा मन में बसा लो बस यही...!
छोटा-बड़ा अपना-पराया कोई है नहीं....!!
देख लेना मन की आंखों से जरा...!
भूमि, धन, परिवार संग जाता नहीं...!!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
तनका क्या अभिमान करना बांवरे...!
कब निकल जाए मेरा तेरा प्राण रे...!!
पांच तत्वों से बना है यह तन तेरा...!
होगा निश्चय यह यहां निष्प्राण रे...!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
स्वयं को भगवान् को अर्पण करो...!
निज को अच्छे काम से तर्पण करो...!!
शोक से भय से रहोगे मुक्त तुम...!
सर्वस्व रत्नम ईश्वर को समर्पण करो...!!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
जय श्री हरि 🙏
प्रभात..........
मौत से जो डरते हो तो व्यर्थ है...!!
आत्मा तो चिर अमर है जान लो...!
तथ्य यह जीवन का सच्चा अर्थ है...!!
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भूतकाल जो गया जो अच्छा गया...!
वर्तमान देख लो जो चलता भया...!!
भविष्य की चिन्ता सताती है तुम्हें...!
है विधाता सारी रचना रच गया...!!
(🌹)°°°{{🙏}}°°°(🌹)
नयन गीले हैं तुम्हारा क्या गया...?
साथ क्या लाए जो तुमने खो दिया...??
किस लिए पछता रहे ये तुम कहो...!
जो लिया तुमने यही से है लिया...!!
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नंगें तन पैदा हुए ले खाली हाथ...!
कर्म सदा रहता है मानव के साथ...!!
सम्पन्नता पर मग्न तुम होते रहो...!
एक दिन तुम भी चलोगे खाली हाथ...!!
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धारणा मन में बसा लो बस यही...!
छोटा-बड़ा अपना-पराया कोई है नहीं....!!
देख लेना मन की आंखों से जरा...!
भूमि, धन, परिवार संग जाता नहीं...!!
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तनका क्या अभिमान करना बांवरे...!
कब निकल जाए मेरा तेरा प्राण रे...!!
पांच तत्वों से बना है यह तन तेरा...!
होगा निश्चय यह यहां निष्प्राण रे...!
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स्वयं को भगवान् को अर्पण करो...!
निज को अच्छे काम से तर्पण करो...!!
शोक से भय से रहोगे मुक्त तुम...!
सर्वस्व रत्नम ईश्वर को समर्पण करो...!!
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जय श्री हरि 🙏
प्रभात..........
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