उसको याद नहीं........ Hindi sad love poem
[]==={{{💔 गजल 💔 }}===[]
कोई एहसास भी उसको याद नहीं....!
कोई बात भी उसको याद नहीं....!
एक शक्स ने उसको चाहा था,
वो शक्स भी उसको याद नहीं....!
जब शब की बिजली चमकी थी,
और बादल टूट के बरसे थे,
हम दोनो जिसमें भीगे थे,
वो बरसात भी उसको याद नहीं....!
वो साहिल, दरिया, फूल, हवा,
वो वादा साथ निभाने का,
जब सारी रात चाँद को देखता था,
वो रात भी उसको याद नहीं.....!
वो कहेती थी मैं सुनाता था,
मैं कहेता था वो सुनती थी,
उस लाखों बातो में आज उसे,
"प्रभात" की एक बात भी उसे याद नहीं.....!
कोई एहसास भी उसको याद नहीं....!
कोई बात भी उसको याद नहीं....!
प्रभात.........
कोई एहसास भी उसको याद नहीं....!
कोई बात भी उसको याद नहीं....!
एक शक्स ने उसको चाहा था,
वो शक्स भी उसको याद नहीं....!
जब शब की बिजली चमकी थी,
और बादल टूट के बरसे थे,
हम दोनो जिसमें भीगे थे,
वो बरसात भी उसको याद नहीं....!
वो साहिल, दरिया, फूल, हवा,
वो वादा साथ निभाने का,
जब सारी रात चाँद को देखता था,
वो रात भी उसको याद नहीं.....!
वो कहेती थी मैं सुनाता था,
मैं कहेता था वो सुनती थी,
उस लाखों बातो में आज उसे,
"प्रभात" की एक बात भी उसे याद नहीं.....!
कोई एहसास भी उसको याद नहीं....!
कोई बात भी उसको याद नहीं....!
प्रभात.........
Comments
Post a Comment