तब होती है मानवता शर्मसार........ Hindi suvichar
💖जो मां-बाप जन्म देते हैं,
और अपनी औलाद को,
समाज के काबिल बनाते हैं...........!
💖वही औलाद जब अपने मां-बाप को,
वृद्धाश्रम छोड़ कर चली आती है.......…!
💠तब होती है मानवता शर्मसार........
💖सड़कों पर जब गरीब मजबूर लोग,
सर्द भरे हालातों में ठिठुरते हैं..........!
💖उन्हें देखकर भी जब,
किसी का दिल मदद के लिए नहीं पिघलता है.........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार..........
💖जब लोग आंखें बंद कर के,
अपने चिर-परिचित लोगों पर भरोसा करते हैं..........!
💖और जब वही लोग भरोसा तोड़ के,
उनकी इज्जत से खिलवाड़ करते हैं...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार............
💖जब किसी दुर्घटना में,
किसी व्यक्ति को मदद की आवश्यकता होती है..........!
💖और वहां खड़े तमाम लोग,
मूक-दर्शक बनकर एक दूसरे को
सलाह दे रहे होते हैं...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार...........
💖जब एक बेटी अपने भाई से,
मां-बाप की खुशी के लिए झगड़ती है...........!
💖और वही बेटी जब बहु बनकर,
अपने सास-ससुर को हर बार निचा दिखाती है...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार............
💖जब आज के युवक किशोरावस्था में,
प्यार मोहब्बत का खेल खेलते हैं...........!
💖और अक्सर अपनी प्रेम निशानी को,
जब अनाथालय में छोड़ आते हैं...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार..........
प्रभात...........
और अपनी औलाद को,
समाज के काबिल बनाते हैं...........!
💖वही औलाद जब अपने मां-बाप को,
वृद्धाश्रम छोड़ कर चली आती है.......…!
💠तब होती है मानवता शर्मसार........
💖सड़कों पर जब गरीब मजबूर लोग,
सर्द भरे हालातों में ठिठुरते हैं..........!
💖उन्हें देखकर भी जब,
किसी का दिल मदद के लिए नहीं पिघलता है.........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार..........
💖जब लोग आंखें बंद कर के,
अपने चिर-परिचित लोगों पर भरोसा करते हैं..........!
💖और जब वही लोग भरोसा तोड़ के,
उनकी इज्जत से खिलवाड़ करते हैं...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार............
💖जब किसी दुर्घटना में,
किसी व्यक्ति को मदद की आवश्यकता होती है..........!
💖और वहां खड़े तमाम लोग,
मूक-दर्शक बनकर एक दूसरे को
सलाह दे रहे होते हैं...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार...........
💖जब एक बेटी अपने भाई से,
मां-बाप की खुशी के लिए झगड़ती है...........!
💖और वही बेटी जब बहु बनकर,
अपने सास-ससुर को हर बार निचा दिखाती है...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार............
💖जब आज के युवक किशोरावस्था में,
प्यार मोहब्बत का खेल खेलते हैं...........!
💖और अक्सर अपनी प्रेम निशानी को,
जब अनाथालय में छोड़ आते हैं...........!
💠तब होती है मानवता शर्मसार..........
प्रभात...........
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