तुम्हे पाकर.... Hindi love poem

*तुम्हे पाकर....*👉👩 

अधूरापन ख़तम हो जाता है,
तुम्हे पाकर....

दिल का हर तार गुनगुनाता है,
तुम्हे पाकर...

गम जाने किधर जाता है,
तुम्हे पाकर....

सब शिकवे दूर हो जाते है,
तुम्हे पाकर....

जानता हू चंद पलो का खेल है ये..
अफ़सोस नही रहता बाकी,
तुम्हे पाकर..

राह तकती, ये लम्बी पगड़ंड़िया ..
थक कर भी चैन पाती है आंखे,
तुम्हें पाकर..

तमाम मायुसिया छुप जाती है..
जिंदा लाश मानो उठ जाती है,
तुम्हे पाकर..

'तन्हा' मरना जीना सब भूल जाती है,
तुम्हारी बाहों में आकर..
बस तुम्हें पाकर.......

प्रभात........

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