प्रिय पतिदेव...... Hindi love poem.......

प्रिय पतिदेप,

 नहीं कहती हूँ आपसे कि 
          चाँद -तारे तोडकर लाओ,

पर जब आते हो, 
         एक मुस्कान साथ लाया करो..!!

नहीं कहती के 
         मुझे सबसे ज्यादा चाहो,

पर एक नज़र 
         प्यार से तो उठाया करो..!!

नही कहती के 
         बाहर खिलाने ले जाओ,

पर एक पहर 
          साथ बैठ के तो खाया करो..!!

नही कहती के 
          हाथ बंटाओ मेरा,

पर कितना करती हूँ, 
          देख तो जाया करो..!!

नही कहती के 
          हाथ पकड के चलो मेरा,

पर कभी दो कदम 
          साथ तो आया करो..!!

यूँ ही गुज़र जाएगा 
          जिंदगी का सफ़र भागते भागते,

एक पल थक के 
          साथ तो बैठ जाया करो..!!

नही कहती के 
           कई नामों से पुकारो,

एक बार फुर्सत से 
          “सुनो” ही कह जाया करो..!!

नहीं कहती हूँ आपसे कि 
           चाँद -तारे तोडकर लाओ,

पर जब आते हो, 
           एक मुस्कान साथ लाया करो..।

 💑👉आखिर पति के लिए पत्नी क्यों जरूरी है?

प्रतिभा............
तेरा मेरा साथ रहे 👫

Comments

  1. Nhi kar rhi chand taro ki aarzu mae tumse jindagi ke pal ke do bund bhi to do khwahiso ki phuljhariya chtakne lgengi pti nam ka wo sakhs pahle mera to ho

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  2. हाथ की लकीरों में आपके वो नाम जरूर लिखा होगा जो आपको जीवनसाथी बनाएगा

    बस उस पल का इंतज़ार थोड़ा करो

    शुक्रिया आपका 🙏

    ReplyDelete
  3. यही कहती हूं की मर जायें ना कहीं
    जो ये बन्धन तूटा प्यार का कहीं

    पत्नी हूं आपकी कांधों पर जाना है आपके
    सजाके माँग मेरी ओढाके चूनर लाल
    बिदा होना है घर से आपके
    आखरी ख्वाहीश यही है आप की जान की.....
    🙏🙏🙏👫🙏💖

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