जय श्री कृष्ण..... Hindi dohe....
सुध-बुध सारी भूल गयी,
भूली जान-अजान,
कान्हा ने जब छेड़ दी,
मधुर-मुरली की तान.
मुख पर छाए लालिमा,
खिले अधर मुस्कान,
कान्हां जी को कैसा लागे,
राधा-राधा नाम.
जिसके हरी हैं सारथि,
निश्चय उसकी जीत,
जिस मन हरी बसें,
उस मन प्रीत ही प्रीत.
लाज बचाई आपने,
सुन अबला मन की पीर,
अबला अब सबला भयी ,
छोटो है गयो चीर.
दरस तुमरे पाने को,
जुग-जुग जाते बीत,
भाग बढे सुदामा के,
जो भये तुम्हारे मीत.
हर युग अवतार लिए,
खेले क्या-क्या दांव,
निष्ठा मग्न लक्ष्मी जी,
दाबे श्री हरी के पाँव.
🙏🌺जय श्री कृष्ण🌺🙏
प्रभात........
भूली जान-अजान,
कान्हा ने जब छेड़ दी,
मधुर-मुरली की तान.
मुख पर छाए लालिमा,
खिले अधर मुस्कान,
कान्हां जी को कैसा लागे,
राधा-राधा नाम.
जिसके हरी हैं सारथि,
निश्चय उसकी जीत,
जिस मन हरी बसें,
उस मन प्रीत ही प्रीत.
लाज बचाई आपने,
सुन अबला मन की पीर,
अबला अब सबला भयी ,
छोटो है गयो चीर.
दरस तुमरे पाने को,
जुग-जुग जाते बीत,
भाग बढे सुदामा के,
जो भये तुम्हारे मीत.
हर युग अवतार लिए,
खेले क्या-क्या दांव,
निष्ठा मग्न लक्ष्मी जी,
दाबे श्री हरी के पाँव.
🙏🌺जय श्री कृष्ण🌺🙏
प्रभात........
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