चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....
🙏🌹प्रार्थना 🌹🙏 कोई सोना चढाए , कोई चाँदी चढाए ; कोई हीरा चढाए , कोई मोती चढाए ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं फूल चढाता हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है ; अगर मैं फल चढाता हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है ; अगर मैं जल चढाता हूँ , तो वो मछली का झूठा है ; अगर मैं दूध चढाता हूँ , तो वो बछडे का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं सोना चढ़ाता हूँ , तो वो माटी का झूठा है ; अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का झूठा है ; अगर मैं मोती चढाता हूँ , तो वो सीपो का झूठा है ; अगर मैं चंदन चढाता हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन, कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं तन चढाता हूँ , तो वो पत्नी का झूठा है ; अगर मैं मन चढाता हूँ , तो वो ममता का झूठा है ; अगर मैं धन चढाता हूँ , तो वो पापो का झूठा है ; अगर मैं धर्म चढाता हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है ; तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है – मेरा दर्पण ; तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण. सुप्रभात दोस्तों...
भारत माता की जय ...
ReplyDeleteये वतन सब देश वासियों का है और कोई कुछ महि बिगाड़ सकता इसका ..।
दिगम्बर जी सही कहा आपने
ReplyDeleteएक मिट्टी है मेरे वतन की
जिस भरत मां हम संतान है
मजहब हो चाहे हमारे अलग अलग
पर हर दिल कहे यही की
मेरा भारत महान है
वंदे मातरम्