ये कैसी दुनिया है....... Hindi Suvichar......
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां होंठों पर,
मीठी बोलियां है........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां हाथों में छुपी,
तेज छुरीयां है........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां घर-घर सिखाया जाता तो,
पाठ प्रेम का है.........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां दिलों में बसती सिर्फ,
मजहब की दूरियां है........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां मोहब्बत में रोज दम तोड़ते,
हजारों प्रेम दीवाने हैं.......!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां लोग कहते मोहब्बत तो,
महज़ किताबों की कहानीयां है........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां मां को दिया जाता,
दर्जा भगवान् का है........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां फेंकी जाती नवजात बच्चीयां,
कूड़ेदान में कहकर ये मजबूरीयां है.......!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां भूख से तड़प के बच्चा,
रोते हुए सो जाता फुटपाथ पर है.......!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां चढ़ाते हैं छप्पन भोग मूरत पर,
कहकर लगानी अर्जियां है.........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां सामने दिखे मासूम चेहरा तो,
लगे अपनापन वो रिश्ता है.........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां पा कर अकेली बच्ची को,
दिखाते रिश्तों में हैवानियां है.........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां जन्म लेकर लगता है की,
जिंदगी खुबसूरत होगी.........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां जिंदगी को जिंदगी नचाती,
बनकर कठपुतलियां हैं..........!
प्रभात..........
जहां होंठों पर,
मीठी बोलियां है........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां हाथों में छुपी,
तेज छुरीयां है........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां घर-घर सिखाया जाता तो,
पाठ प्रेम का है.........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां दिलों में बसती सिर्फ,
मजहब की दूरियां है........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां मोहब्बत में रोज दम तोड़ते,
हजारों प्रेम दीवाने हैं.......!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां लोग कहते मोहब्बत तो,
महज़ किताबों की कहानीयां है........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां मां को दिया जाता,
दर्जा भगवान् का है........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां फेंकी जाती नवजात बच्चीयां,
कूड़ेदान में कहकर ये मजबूरीयां है.......!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां भूख से तड़प के बच्चा,
रोते हुए सो जाता फुटपाथ पर है.......!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां चढ़ाते हैं छप्पन भोग मूरत पर,
कहकर लगानी अर्जियां है.........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां सामने दिखे मासूम चेहरा तो,
लगे अपनापन वो रिश्ता है.........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां पा कर अकेली बच्ची को,
दिखाते रिश्तों में हैवानियां है.........!
ये कैसी दुनिया है.......?
जहां जन्म लेकर लगता है की,
जिंदगी खुबसूरत होगी.........!
पर ये कैसी दुनिया है.......?
जहां जिंदगी को जिंदगी नचाती,
बनकर कठपुतलियां हैं..........!
प्रभात..........
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