जरा हंस दो....... Hindi love poem
जरा हंस दो...
जरा हंस दो...
जरा हंस दो...सनम,
यूँ ना रूठो तुम हमसे जरा हंस दो सनम....
💖::::::((☺))::::::💖
थोड़ा शिकवा तो थोड़ी शिकायत करो,
चुप ना बैठो हमसे कुछ तो बातें करो....
💖::::::((☺))::::::💖
देखो सुबह से शाम अब तो होने लगी,
अब तो शाम-ए-चरागो को रोशन करो....
💖::::::((☺))::::::💖
बेरूखी का ये परदा अब तो उतारो जरा,
हमसे हुई जो भी खता अब तो माफ करो....
💖::::::((☺))::::::💖
खामोशी तुम्हारी अब तो डसने लगी....
लबों से अब तो ख़ामोशी को आजाद करो.....
💖::::::((☺))::::::💖
देख मेरी आँखें भी आँसूओं से बरसने लगी....
मुस्कुरा के गले लगकर प्यारी कुछ बातें करो...सनम....!!
💖::::::((☺))::::::💖
यूँ ना रूठो तुम हमसे जरा हंस दो सनम....
💖::::::((☺))::::::💖
प्रभात........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
जरा हंस दो...
जरा हंस दो...सनम,
यूँ ना रूठो तुम हमसे जरा हंस दो सनम....
💖::::::((☺))::::::💖
थोड़ा शिकवा तो थोड़ी शिकायत करो,
चुप ना बैठो हमसे कुछ तो बातें करो....
💖::::::((☺))::::::💖
देखो सुबह से शाम अब तो होने लगी,
अब तो शाम-ए-चरागो को रोशन करो....
💖::::::((☺))::::::💖
बेरूखी का ये परदा अब तो उतारो जरा,
हमसे हुई जो भी खता अब तो माफ करो....
💖::::::((☺))::::::💖
खामोशी तुम्हारी अब तो डसने लगी....
लबों से अब तो ख़ामोशी को आजाद करो.....
💖::::::((☺))::::::💖
देख मेरी आँखें भी आँसूओं से बरसने लगी....
मुस्कुरा के गले लगकर प्यारी कुछ बातें करो...सनम....!!
💖::::::((☺))::::::💖
यूँ ना रूठो तुम हमसे जरा हंस दो सनम....
💖::::::((☺))::::::💖
प्रभात........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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