तब बडी़ अच्छी लगती हो तुम.........!! Hindi love poem

सावन की रिमझिम में भींगे गेशुं लिए;
अल्हड अदाओं से जब इतराती हो तुम!!

तब बड़ी अच्छी लगती हो तुम.........!

पंकज लबों से मुस्कुराकर;
रेशम सी लटों को यूँ चेहरे पर गिराकर!!

अपनी कस्तूरी सी सांसों से;
जब मदहोश मुझे करती हो तुम!!

तब बडी़ अच्छी लगती हो तुम.........!

गालों को चुमती लटों को सुलझाते हुए;
तिरछी निगाहों से देख जब मुस्कुराती हो तुम!!

तब बड़ी अच्छी लगती हो तुम..........!

जब मैं देखता हूँ तुम्हे यह देखकर शरमाते हुवे;
दुपट्टे का पल्लू जब अपनी ऊंगली में घुमाती हो तुम!!

तब बड़ी अच्छी लगती हो तुम.........!                     
                              
चांदनी रातों में चांद देखने के बहाने;
जब छत पर मुझसे मिलने आती हो तुम!!

तब बड़ी अच्छी लगती हो तुम.........!

प्रभात..........
तेरा मेरा साथ रहे 👫

Comments

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....