इजहार करना अभी बाकी है........ Hindi love poem.......

मिलते हैं जज़्बात हमारे,
दिल का मिलना अभी बाकी है.........!

एक हैं अपने खयालात,
पर कुछ कसर अभी बाकी है.........!

ख़्वाहिश उनको भी है उतनी,
हमे अपना बनाने की..........!

फिर भी न जाने क्यों,
इजहार करना अभी बाकी है..........!

रहते है जो इर्द -गिर्द सदा,
मेरे खवाबो और ख्यालो में..........!

उनका हकीकत में,
हमसे टकराना अभी बाकी है.........!

वैसे तो मिलते है कई बार,
हम अजनबी बनकर..........!

एक शाम अपना बनाकर,
बिताना अभी बाकी है.........!

चाहकर भी अपना बनाने से,
कतराते है वो........!

उनको हक अपना,
हम पर जताना अभी बाकी है........!!

प्रभात.........
तेरा मेरा साथ रहे 👫

Comments

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....