तुझे जब देख लेता हूं.......!!! Hindi love poem.....
तुझे जब देख लेता हूं.............!!!
बहुत लम्बी हो जाती है,
मेरी वह रात............!
जब चाँद के साए में,
तुझे देख लेता हूं.............!
बिखरने लगती है,
नूर-ए-चाँदनी चारों ओर..........!
जब तुझे घर से बाहर,
आते हुए मैं देख लेता हूं.............!
मन करता है,
यूं ही बरसात रहे ये बादल............!
जब बारिश की बूंदों में,
भीगते हुए तुझे देख लेता हूं.............!
अजीब सी कशमकश,
मन में होने लगती है मेरे..............!
जब बेहद करीब से,
तुझे मैं देख लेता हूं..............!
रातें मेरी और भी रंगीन,
हो जाती है............!
जब तुझे ख्वाबों में,
मैं देख लेता हूं............!!
प्रभात..........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
बहुत लम्बी हो जाती है,
मेरी वह रात............!
जब चाँद के साए में,
तुझे देख लेता हूं.............!
बिखरने लगती है,
नूर-ए-चाँदनी चारों ओर..........!
जब तुझे घर से बाहर,
आते हुए मैं देख लेता हूं.............!
मन करता है,
यूं ही बरसात रहे ये बादल............!
जब बारिश की बूंदों में,
भीगते हुए तुझे देख लेता हूं.............!
अजीब सी कशमकश,
मन में होने लगती है मेरे..............!
जब बेहद करीब से,
तुझे मैं देख लेता हूं..............!
रातें मेरी और भी रंगीन,
हो जाती है............!
जब तुझे ख्वाबों में,
मैं देख लेता हूं............!!
प्रभात..........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
Comments
Post a Comment