तुझे क़सम है सनम, न रोना कभी फिर इस क़दर तू........! Hindi sad love poem
एक आंसू तेरा गिरता है,
उस लम्हा यहाँ कोई मरता है.....!
तेरी सिसकियों की आवाज़ पे,
“मन” उसका बहुत तड़पता है……!
तू बेबस नहीं, तू तनहा नहीं, तू
जान-ए-तमन्ना है उसकी.......!
तुझे दर्द जब होता है,
दिल उसका भी आंसुओं से रोता है……!
एहसास हो जाता है दिल को,
जब-जब परेशान तू होती है........!
तू ही तो कहती है की,
मोहब्बत में कुछ ऐसा ही होता है…….!
झुकती आँखों पे तेरी,
मर मिटता है जो सौ-सौ बार.......!
तू ही बता तेरे आंसू देख,
वो उस लम्हा कैसे जीता है........!
उसके लिए सजा है,
अश्क़ों से भीगी यह आँखें तेरी.......!
जो एक मुस्कराहट पे तेरी,
पूरी ज़िंदगी जीता है…....!
तुझे क़सम है सनम,
न रोना कभी फिर इस क़दर तू........!
तेरे पहलू में बैठ वो दीवाना,
तुझसे फ़रियाद करता है…....!
वो दीवाना और कोई नहीं,
तेरा यह “प्रभात” है मेरी जान.......!
जो दीवानगी की हद्द तक,
बस तुझसे मोहब्बत करता है.......!!
प्रभात.......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
उस लम्हा यहाँ कोई मरता है.....!
तेरी सिसकियों की आवाज़ पे,
“मन” उसका बहुत तड़पता है……!
तू बेबस नहीं, तू तनहा नहीं, तू
जान-ए-तमन्ना है उसकी.......!
तुझे दर्द जब होता है,
दिल उसका भी आंसुओं से रोता है……!
एहसास हो जाता है दिल को,
जब-जब परेशान तू होती है........!
तू ही तो कहती है की,
मोहब्बत में कुछ ऐसा ही होता है…….!
झुकती आँखों पे तेरी,
मर मिटता है जो सौ-सौ बार.......!
तू ही बता तेरे आंसू देख,
वो उस लम्हा कैसे जीता है........!
उसके लिए सजा है,
अश्क़ों से भीगी यह आँखें तेरी.......!
जो एक मुस्कराहट पे तेरी,
पूरी ज़िंदगी जीता है…....!
तुझे क़सम है सनम,
न रोना कभी फिर इस क़दर तू........!
तेरे पहलू में बैठ वो दीवाना,
तुझसे फ़रियाद करता है…....!
वो दीवाना और कोई नहीं,
तेरा यह “प्रभात” है मेरी जान.......!
जो दीवानगी की हद्द तक,
बस तुझसे मोहब्बत करता है.......!!
प्रभात.......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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