मेरे रब्बा मैं तुजसे बस, इतनी सी इनायत करूँ.....! Hindi love poem....
मेरे रब्बा मैं तुजसे बस,
इतनी सी इनायत करूँ.....!
उनसे कहेदो ना की,
मैं उसे कितना प्यार करू......!
उसके नाम को मैं,
हर पल गुन-गुनाया करूँ.......!
उसे पाने का ख्वाब,
अपनी पलकों में सजाया करूँ.........!
सुबहा होते ही उसे,
देखने को मैं तरसा करूं.........!
वो दिख जाए तो तेरा,
सुक्रिया अदा मैं बार-बार करूँ........!
वो चले जिस राह छुप-छुप के,
बस उनको ही निहारा करूँ.........!
जब वो मुड़कर देखले कहीं मुझे,
तेज धडकनो को थामे छुप जाया करूँ.......!
उनके पास से गुजरने का,
कोई-ना-कोई बहाना तलाशा करूँ.........!
कभी छु जाए उनका कोई अंग तो,
अपने रोम-रोम को खीलता महेसुस करूँ.......!
कभी दिखे ना जब वो किसी रोज तो,
हर किसी से उनकी खबर मैं पुछा करूँ..........!
उसकी खैर खबर मिल जाते ही,
हर मंदिर की चोखट को मैं चुमा करूँ.........!
कोई होस नही रहेता बस एक,
उसके खयाल के सिवा..........!
लोग तो बंद आँखों से,
सपने देखते है मगर.........!
मैं तो जागती आँखों से,
उनसे बातें करूं...........!
ए मेरे रब्बा तू बस,
मुझपर इतनी ईनायत कर दे........!
उनके दिल में मेरे दिल की
चाहत के एहसास भर दे........!
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