कोई भी शक्स, मुकम्मल नही होता.....! Hindi love poem....

कोई भी शक्स,
मुकम्मल नही होता.....!

किसी की मोहोब्बत,
उसे पुरा बनती है......!

कभी थक जाता हुं,
भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में......!

तो तुम्हारी मुस्कान,
मुझे चलना सिखाती है...॥

अधूरा है नसिब मेरा,
तुम्हारे साथ के बीना......!

तुम्हारी कमी का एहसास, 
मुझे हर खुशी करवाती है......!

मेरा आईना मुझसे,
खफा सा रहेता है......!

आँखें भी मुझे तुम्हारी,
तस्वीर दिखती है......!

तुम्हारा खयाल ना हो तो,
दिन भी विरान लगता है......!

तुम्हारे एहसास में तो,
मेरी रात भी जगमगाती है......!

तुम बीना हर आरजू,
हर खुशी अधूरी लगती है......!

तुम्हारे साथ हर रुत,
रंगीन नजर आती है......!

जीने के लिए भले ही,
साँसो की जरूरत होती है......!

पर मेरे लिए तो तुम्हारी,
हर अदा जिन्दगी बन जाती है......!

मेरे दिल मे मेरी हर 
एक साँस में तुम हो......!

ये बात मेरी हर 
धड़कन दौहरती है...॥

ये सच है की कोई,
शक्स मुकम्मल नही होता......!

पर मेरे सनम मुझे तुमहारी,
मोहोब्बत पुरा बनाती है.......!!

प्रभात.......
तेरा मेरा साथ रहे 👫

Comments

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....