मैं चाहता हूँ कि हर रूप में तुझे देखूँ ..... Hindi love poem
कभी-कभी तुम मेरा साथ यूँ निभाया करो.........!
कि अपने आप को कुछ देर भूल जाया करो........!
न छत पे चाँद टिकेगा न रात ठहरेगी,
हरेक ख़्वाब को आँखों में मत सजाया करो........!
मैं चाहता हूँ कि हर रूप में तुझे देखूँ
कभी-कभी मेरी बातों से तंग आया करो........!
तेरी पसंद की ग़ज़लें मैं लिख तो दूँ लेकिन
ये शर्त है कि उन्हें तुम भी गुनगुनाया करो.......!
मैं कश्तियों की कहानी तुझे सुनाऊंगा,
तुम साहिलों की कहानी मुझे सुनाया करो.......!
मेरी ही मुझसे मुलाक़ात मुश्किलों से हो,
मेरे वजूद में इतना भी मत समाया करो........!!
प्रभात.........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
कि अपने आप को कुछ देर भूल जाया करो........!
न छत पे चाँद टिकेगा न रात ठहरेगी,
हरेक ख़्वाब को आँखों में मत सजाया करो........!
मैं चाहता हूँ कि हर रूप में तुझे देखूँ
कभी-कभी मेरी बातों से तंग आया करो........!
तेरी पसंद की ग़ज़लें मैं लिख तो दूँ लेकिन
ये शर्त है कि उन्हें तुम भी गुनगुनाया करो.......!
मैं कश्तियों की कहानी तुझे सुनाऊंगा,
तुम साहिलों की कहानी मुझे सुनाया करो.......!
मेरी ही मुझसे मुलाक़ात मुश्किलों से हो,
मेरे वजूद में इतना भी मत समाया करो........!!
प्रभात.........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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