खता मैं हर बार करता हूं........! Hindi love poem......
©==={{💖 गजल 💖}}===©
खता इसे कहोगे तो,
खता मैं हर बार करता हूं........!
कल जितनी मोहब्बत थी तुमसे,
उससे ज्यादा मैं आज करता हूं........!
वो छिप छिप के बहुत रोये,
उन्हें मालूम ही क्या है........?
वो मै ही हूं जो उनकी आँखों से,
हर बार बहा करता हूं.........!
वो मुझसे रूठ जाएगी तो,
मेरा अंजाम क्या होगा........?
बस यही सोचकर ही तो,
मैं इजहार नहीं करता हूं........!
मुनहसर चाँद है उनको,
जो उनके पास रहते हैं.........!
वो उस पार रहते हैँ तो,
मैं इस पार रहता हूं.........!
मेरे हालात का क्या कहिए,
मुकद्दर है चरागों सा.........!
वो आए है हवा देने,
मैं जिनके नाम जलता हूं.........!
अभी थोड़ी शिकायत है,
आभी थोड़ा नाराज हूं उनसे.........!
बस खैरियत की बाते उनसे,
अब दो-चार करता हूं........!
सितारा था मुझे सूरज बनाया,
तेरी ही मोहब्बत ने.........!
तेरे रूखसार से हो कर,
तेरी जुल्फों में रोज ढलाता हूं..........!
प्रभात..........💖
तेरा मेरा साथ रहे 👫
खता इसे कहोगे तो,
खता मैं हर बार करता हूं........!
कल जितनी मोहब्बत थी तुमसे,
उससे ज्यादा मैं आज करता हूं........!
वो छिप छिप के बहुत रोये,
उन्हें मालूम ही क्या है........?
वो मै ही हूं जो उनकी आँखों से,
हर बार बहा करता हूं.........!
वो मुझसे रूठ जाएगी तो,
मेरा अंजाम क्या होगा........?
बस यही सोचकर ही तो,
मैं इजहार नहीं करता हूं........!
मुनहसर चाँद है उनको,
जो उनके पास रहते हैं.........!
वो उस पार रहते हैँ तो,
मैं इस पार रहता हूं.........!
मेरे हालात का क्या कहिए,
मुकद्दर है चरागों सा.........!
वो आए है हवा देने,
मैं जिनके नाम जलता हूं.........!
अभी थोड़ी शिकायत है,
आभी थोड़ा नाराज हूं उनसे.........!
बस खैरियत की बाते उनसे,
अब दो-चार करता हूं........!
सितारा था मुझे सूरज बनाया,
तेरी ही मोहब्बत ने.........!
तेरे रूखसार से हो कर,
तेरी जुल्फों में रोज ढलाता हूं..........!
प्रभात..........💖
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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