आंखों से कुछ कहे जाती है वो........! Hindi love poem
कभी हंसती है तो,
कभी मुस्कुराती है वो..........!
जब भी मैं उसे देखूं,
आंखों से कुछ कहे जाती है वो........!
भीग जाता है मेरा मन,
चाहत की बरसती बूंदों में.........!
जब मेरे सामने से,
लहरा कर गुजरती है वो.........!
महकने लगती मेरी सांसें,
उसकी भीनी खुशबू से अक्सर...........!
ना जाने कौन-सा,
इत्र तन पर लगाती है वो.........!
कभी टकरा जाये जो,
यूं ही अचानक से मुझसे तो.........!
दांतों तले उंगलियां
शरमाते हुए दबा लेती है वो.........!
नज़र अंदाज़ करूं जो,
उसे कभी जानबूझ कर तो.........!
अपनी चुड़ियों की खनक से,
अपने होने का एहसास दिलाती है वो.........!
जब पुछा उसे की,
क्या तुम्हें प्यार है मुझसे..........??
चल.....हट.....पगले,
बस इतना कहते ही मुस्कुरा के चल देती है वो........!!
तेरा मेरा साथ रहे 👫
प्रभात........
कभी मुस्कुराती है वो..........!
जब भी मैं उसे देखूं,
आंखों से कुछ कहे जाती है वो........!
भीग जाता है मेरा मन,
चाहत की बरसती बूंदों में.........!
जब मेरे सामने से,
लहरा कर गुजरती है वो.........!
महकने लगती मेरी सांसें,
उसकी भीनी खुशबू से अक्सर...........!
ना जाने कौन-सा,
इत्र तन पर लगाती है वो.........!
कभी टकरा जाये जो,
यूं ही अचानक से मुझसे तो.........!
दांतों तले उंगलियां
शरमाते हुए दबा लेती है वो.........!
नज़र अंदाज़ करूं जो,
उसे कभी जानबूझ कर तो.........!
अपनी चुड़ियों की खनक से,
अपने होने का एहसास दिलाती है वो.........!
जब पुछा उसे की,
क्या तुम्हें प्यार है मुझसे..........??
चल.....हट.....पगले,
बस इतना कहते ही मुस्कुरा के चल देती है वो........!!
तेरा मेरा साथ रहे 👫
प्रभात........
Comments
Post a Comment