काश कोई शाम ऐसी आ जाए,......!! Hindi love poem
काश कोई शाम ऐसी आ जाए,
मेरी मोहब्बत को साथ ले आए,
💠
💠💠
💠
बैठें हो जब हम साथ-साथ,
और वक्त वहीं ठहर जाए,
💠
💠💠
💠
भर लूँ उन्हें जब बाँहों में अपनी,
शर्म-ओ-हया से वो पिघल जाए,
💠
💠💠
💠
उनकी बिखरी लटों को जब सँवारु,
चाँद सा चेहरा और निखार जाए,
💠
💠💠
💠
कुछ बाते वो अपनी कहे,
फिर हाल-ए-दिल हम सुनाएं,
💠
💠💠
💠
हैं कितनी मोहब्बत हमें उनसे,
ये बात धड़कनें उन्हें बताए,
💠
💠💠
💠
सजा रहा हूं जो ख्वाब आज हमारे,
दुआ करना जाना वो सच हो जाए,
💠
💠💠
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काश कोई शाम ऐसी आ जाए,
जो तुम्हें अपने साथ ले आए,
प्रविण....... :💖
तेरा मेरा साथ रहे 👫
मेरी मोहब्बत को साथ ले आए,
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बैठें हो जब हम साथ-साथ,
और वक्त वहीं ठहर जाए,
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भर लूँ उन्हें जब बाँहों में अपनी,
शर्म-ओ-हया से वो पिघल जाए,
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उनकी बिखरी लटों को जब सँवारु,
चाँद सा चेहरा और निखार जाए,
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कुछ बाते वो अपनी कहे,
फिर हाल-ए-दिल हम सुनाएं,
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हैं कितनी मोहब्बत हमें उनसे,
ये बात धड़कनें उन्हें बताए,
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सजा रहा हूं जो ख्वाब आज हमारे,
दुआ करना जाना वो सच हो जाए,
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काश कोई शाम ऐसी आ जाए,
जो तुम्हें अपने साथ ले आए,
प्रविण....... :💖
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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