महिला दिवस..... women's day Hindi poem
मां बनकर जिसने हमें जन्म दिया......
दुध पिला के जिसने हमें बड़ा किया.....
मां की ममता का कोई मोल नहीं.....
मां के रुप में भी नारी महान बन गई.....
बहन बनकर जिसने बांधी हमें राखी.....
साथ रही वो बनकर हमारी साथी.....
बहन-भाई जैसा पाक कोई रिश्ता नहीं.....
बहन के रुप में भी नारी महान बन गई.....
पत्नी बनकर जिसने बाबुल का घर छोड़ दिया.....
साथ रहकर हमारे सुख दुख से नाता जोड़ लिया.....
अपने तन मन प्यार जो हम पर लुटाती रही....
पत्नी के रुप में भी नारी महान बन गई.....
कभी मां, कभी बहन, तो कभी पत्नी रुप लिया.....
नारी ने हर रुप में अपनी महानता का सबूत दिया.....
इस महिला दिवस पर समस्त नारी को नमन
प्रभात.......
दुध पिला के जिसने हमें बड़ा किया.....
मां की ममता का कोई मोल नहीं.....
मां के रुप में भी नारी महान बन गई.....
बहन बनकर जिसने बांधी हमें राखी.....
साथ रही वो बनकर हमारी साथी.....
बहन-भाई जैसा पाक कोई रिश्ता नहीं.....
बहन के रुप में भी नारी महान बन गई.....
पत्नी बनकर जिसने बाबुल का घर छोड़ दिया.....
साथ रहकर हमारे सुख दुख से नाता जोड़ लिया.....
अपने तन मन प्यार जो हम पर लुटाती रही....
पत्नी के रुप में भी नारी महान बन गई.....
कभी मां, कभी बहन, तो कभी पत्नी रुप लिया.....
नारी ने हर रुप में अपनी महानता का सबूत दिया.....
इस महिला दिवस पर समस्त नारी को नमन
प्रभात.......
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