वो ममता का आंचल...... Mother Hindi poem

वो ममता का आंचल,
वो बचपन की यादें......!

बहुत आद आती है,
वो बिते दिनों की बातें.......!

कभी होती थी सुबह,
मां की प्यारी पुकार से.......!

छुप जाते थे फिर हम,
मां की गोद में.......!

जब नहलाती थी मां,
अपने ही हाथों से.......!

तन मन निखर जाता था,
मां की प्यारी दुलार से.......!

भुख क्या होती है कभी,
उसका पता ही न चला......!

वक्त पे जो मां खिलाती थी,
निवाला अपने ही हाथ से......!

बित जाता था पुरा दिन,
स्कूल और खेलकूद में.......!

नींद आती मां की थपकियों,
और लोरी की मीठी तान से.......!

वो ममता का आंचल,
वो बचपन की यादें......!

बहुत आद आती है,
वो बिते दिनों की बातें.......!

प्यारी मां.......
प्रभात......

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