एक कली से भंवरे को यारों मोहब्बत हो‌ गई...... Hindi love story

बाग में जब एक कली खिलने लगी......
देख भंवरे का दिल भी मचलने लगा......

खुलते ही पंखुड़ियों से खुशबू आने लगी.....
देख भंवरा भी उसे गुनगुनाने लगा......

मंडराता रहा वो कली के इर्द गिर्द.....
भंवरे पे चाहत का नसा छाने लगा.....

देख दीवानें को अपनें कली भी मुस्कुराईं.....
भंवरा भी मोहब्बत के तराने गाने लगा......

अपनी रंगत और महक उसपे वो लुटाने लगी.....
भंवरा भी उसके प्रेम रस में अब डूबने लगा......

पहली ही मुलाकात दिल पे असर कर गई......
एक कली से भंवरे को यारों मोहब्बत हो‌ गई......

उनकी मोहब्बत चर्चे अब तो आम हो गये.....
मिलन के सिलसिले दोनों के बढ़ाने ‌लगे.....

बित‌ रहे थे हर‌ दिन उनके बड़ी खुशहाली से.....
आने वाले ख़तरे से भी दोनों अंजान थे.....

अंत में वो समय देखो आ ही गया.....
बाग में माली फूल सारे चुनने लगा......

देख माली को अब वो घबराने लगी.....
जुदाई के गम से आंसू बहने लगा......

ढूंढती रह गई भंवरे को कली......
कब डाली से टूटी उसे पता ही ना चला.....

एक पल में ही जैसे वो गुमनाम हो गई.....
क्यूं आखरि मुलाकात भी मुझे नसीब ना हुई.....

जब आया भंवरा उस कली से मिलने......
देख बाग की हालत उसके होश उड़ गए......

ढूंढता ही रहा अपनी कली को हर जगह.....
पर उसकी खबर कहीं भी ना मीली......

अंत में जा बैठ उस डाली पर ही.....
जहां उसकी कली खिली थी कभी.....

गम जुदाई का वो भी फिर सह ना सका.....
बस कुछ दिन में वो मिट्टी में मिल गया......

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दोस्तों मोहब्बत पुरी हो या अधूरी......
पर मोहब्बत दिल से होनी चाहिए......

जिस्म मिट भी जाए तो क्या है.......
रूह से रूह मिल जाए मोहब्बत ऐसी होनी चाहिए.......!!


प्रभात......

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