वो मेरी जान जो मेरे दिल में बसती है.. Hindi love poem
साथ लड़ा करती है, साथ हंसा करती है...
वो लड़की जो मेरे दिल में बसा करती है...
अजीब पागल है अव्वल दर्जे की...
जुबान से ना और दिल से हां कहा करती है...
रूठ जाउं तो वो खुश हो जाये...
फिर प्यार से मुझे मनाया करती है...
रोग दिल का लगा बैठी है मेरी ही तरह....
मेरे आगोश में मरने की दुवा करती है....
बहुत शर्माती है, मेरी वो पागली...
हर पल मुझे सताया करती है...
सितारों की तरह है चमक उसमें....
रोसनी मुझपे बरसाया करती है....
फूल सी सुन्दरता है उसमे....
कलियों की तरह मुस्कुराया करती है....
चांद भी छुप जाए देख उस हसीन को...
अपनी अदा से जब वो शरमाया करती है...
वो मेरी जान जो मेरे दिल में बसती है..
प्रभात.......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
वो लड़की जो मेरे दिल में बसा करती है...
अजीब पागल है अव्वल दर्जे की...
जुबान से ना और दिल से हां कहा करती है...
रूठ जाउं तो वो खुश हो जाये...
फिर प्यार से मुझे मनाया करती है...
रोग दिल का लगा बैठी है मेरी ही तरह....
मेरे आगोश में मरने की दुवा करती है....
बहुत शर्माती है, मेरी वो पागली...
हर पल मुझे सताया करती है...
सितारों की तरह है चमक उसमें....
रोसनी मुझपे बरसाया करती है....
फूल सी सुन्दरता है उसमे....
कलियों की तरह मुस्कुराया करती है....
चांद भी छुप जाए देख उस हसीन को...
अपनी अदा से जब वो शरमाया करती है...
वो मेरी जान जो मेरे दिल में बसती है..
प्रभात.......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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