मेरे चांद का मुझे दीदार करा दो........! Hindi love poem

उसकेे रूख़ से जरा नकाब हटा दो,
मेरे चांद का मुझे दीदार करा दो........!

कई दिनों से मैंने उसे देखा ही नहीं,
आज फलक से उसे जमी पे उतार दो........!

राहत-ए-जिंदगी मेरी उससे ही है,
मेरी जिंदगी को मेरे पास बुला दो........!

तरस गया हूं सुनने को उसकी बातें,
जरा उसकी आवाज मुझे सुना दों........!

सोया नहीं मैं कई रातें याद में उसकी,
उसके पहलूं में आज मुझे सुला दो........!

हर हाल में वफा-ए-मोहब्बत मैं निभाऊंगा,
बस एक बार मुझे उसका चेहरा दिखा दो.......!!



प्रभात.......

तेरा मेरा साथ रहे 👫

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