है मोहोब्बत मुझे पर अब बताऊं कैसे.. Hindi love poem..

राज आँखों का अब मैं छीपाऊं कैसे..
है मोहोब्बत मुझे पर अब बताऊं कैसे..

उसके होंठों की लाली वो कानों की बाली.. 
उसका मासूम सा चेहरा भूलाऊं कैसे..

झुल्फो के पीछे वो चेहरा छुपाना..
वो उसकी सरारत अब भूल जाऊं कैसे..

माने ना कहेना दिल ना एक पल का चैन..
इस पागल दिल को मैं कैसे समझाऊं..

बातों में है वो एहसास में है वो मेरे.. 
मैं गजल कैसे बना कर गुन-गुनाऊं कैसे...

उफ वो अदा उसकी हाए वो हाय उसकी..
सरबती उन आँखों से निकाल पाऊं कैसे..


प्रभात.......

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