एक हसीन फूल के जैसी है वो...... Hindi love poem
एक हसीन फूल के जैसी है वो......
बड़ी नटखट बड़ी प्यारी है वो......
जैसे खुशबू घुल जाती हवाओं में,
सब से ऐसे घुल मिल जाती है वो......
मायूसी कभी उसके चेहरे पर नहीं,
हर पल यूं हंसती मुस्कुराती है वो......
बातें उसकी ऐसी के बस सुनते ही रहें,
जब मिश्री सी मीठी बातें करती है वो......
उसकी सुंदरता की कोई मिसाल नहीं,
जैसे जन्नत से उतरी कोई परि है वो......
कुदरत भी उसके रंग में ही रंग जाती,
जब साड़ी पहन घर से निकली है वो......
उसके हाथों से बने खाने की बात ही क्या,
ऐसे लजीज पकवान सारे बनाती है वो......
उठ रहे होंगे सबकी ज़हन में बस यही सवाल,
क्या नाम है उसका और कैसी दिखती है वो......
प्रभात......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
बड़ी नटखट बड़ी प्यारी है वो......
जैसे खुशबू घुल जाती हवाओं में,
सब से ऐसे घुल मिल जाती है वो......
मायूसी कभी उसके चेहरे पर नहीं,
हर पल यूं हंसती मुस्कुराती है वो......
बातें उसकी ऐसी के बस सुनते ही रहें,
जब मिश्री सी मीठी बातें करती है वो......
उसकी सुंदरता की कोई मिसाल नहीं,
जैसे जन्नत से उतरी कोई परि है वो......
कुदरत भी उसके रंग में ही रंग जाती,
जब साड़ी पहन घर से निकली है वो......
उसके हाथों से बने खाने की बात ही क्या,
ऐसे लजीज पकवान सारे बनाती है वो......
उठ रहे होंगे सबकी ज़हन में बस यही सवाल,
क्या नाम है उसका और कैसी दिखती है वो......
प्रभात......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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