खुद से ज्यादा तुझे ही चाहूं मैं.....!! Hindi love poem..
बन के तिनका तिनका बिखर जाऊं मैं.....!
तू जो समेट ले मुझे तो संवर जाऊं मैं......!
बूंद बन के जो गीरूं अब्ऱ से जमी पर,
तेरी पलकों में आ कर ठहर जाऊं मैं......!
गुल बन के जो खिलूं किसी गुलशन में,
तेरी जुल्फों में आ कर महक जाऊं मैं......!
बन जाऊं जो फिज़ा की मैं बहती हवा,
तुझे छु कर तेरे करीब से गुजर जाऊं मैं......!
कभी जो गुनगुनाए तू मेरे गीत ग़ज़लों को,
सुर बन के तेरे हसीन लबों पे सज़ जाऊं मैं.....!
रब की इबादत में जब तू कोई दुआ मांगे,
तेरी हर दुआ की फरियाद बन जाऊं मैं......!
क्या मैं सोचुं, क्या मैं चाहूं, कैसे तुझे बताऊं मैं,
बस एक तेरी खुशी की खातिर खुद मिट जाऊं मैं.....!
पता नहीं मोहब्बत क्या है, और कैसे होती है,
बस इतना पता है की खुद से ज्यादा तुझे ही चाहूं मैं.....!!
प्रभात......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
तू जो समेट ले मुझे तो संवर जाऊं मैं......!
बूंद बन के जो गीरूं अब्ऱ से जमी पर,
तेरी पलकों में आ कर ठहर जाऊं मैं......!
गुल बन के जो खिलूं किसी गुलशन में,
तेरी जुल्फों में आ कर महक जाऊं मैं......!
बन जाऊं जो फिज़ा की मैं बहती हवा,
तुझे छु कर तेरे करीब से गुजर जाऊं मैं......!
कभी जो गुनगुनाए तू मेरे गीत ग़ज़लों को,
सुर बन के तेरे हसीन लबों पे सज़ जाऊं मैं.....!
रब की इबादत में जब तू कोई दुआ मांगे,
तेरी हर दुआ की फरियाद बन जाऊं मैं......!
क्या मैं सोचुं, क्या मैं चाहूं, कैसे तुझे बताऊं मैं,
बस एक तेरी खुशी की खातिर खुद मिट जाऊं मैं.....!
पता नहीं मोहब्बत क्या है, और कैसे होती है,
बस इतना पता है की खुद से ज्यादा तुझे ही चाहूं मैं.....!!
प्रभात......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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