चहे मन्दिर हो या मस्जिद... Hindi love poem
चहे मन्दिर हो या मस्जिद...
मैं हर दर पे तेरी राह निहारूंगा....
💠◐◐💖◑◑💠❥❥════❥❥
लूंगा तेरा नाम अपने खुदा के आगे...
अपनी दुवाओं में भी बस तुझे ही पुकारूगा...
💠◐◐💖◑◑💠❥❥══════════❥❥
तुझे सोचा करूंगा हर पहर....
तेरे प्यार से अपना हर नक्श सवारूगा....
💠◐◐💖◑◑💠❥❥════════❥❥
जो कमियां मेरी तन्हाइयों ने मुझे दी है....
तेरी पाक महोब्बत से उन सबको सुधारूगा....
💠◐◐💖◑◑💠❥❥══════════❥❥
हमारे एक साथ रहने का ख्वाब जरूर पूरा होगा...
खुदा की मरजी से ही हर दिन तेरे साये में गुजारूगा....
💠◐◐💖◑◑💠❥❥══════════════❥❥
प्रभात.......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
मैं हर दर पे तेरी राह निहारूंगा....
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लूंगा तेरा नाम अपने खुदा के आगे...
अपनी दुवाओं में भी बस तुझे ही पुकारूगा...
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तुझे सोचा करूंगा हर पहर....
तेरे प्यार से अपना हर नक्श सवारूगा....
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जो कमियां मेरी तन्हाइयों ने मुझे दी है....
तेरी पाक महोब्बत से उन सबको सुधारूगा....
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हमारे एक साथ रहने का ख्वाब जरूर पूरा होगा...
खुदा की मरजी से ही हर दिन तेरे साये में गुजारूगा....
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प्रभात.......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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