सच कहूं तो ये सब तो एक बहाना है....... Hindi love poem
तुझे गले से लगाना है......
और बहोत कुछ केहना है......
केहना है ये जो सूरज है......
मुझे अपनी गर्मी से जलाता है......
तो तेरी याद आती है......
केहना है ये जो चाँद है.......
अपनी ठंडक से मुझे तडपाता है......
तो तेरी याद आती है......
केहना है ये जो सितारे है......
मुझे अकेले देख हंसी उडाते हैं......
तो तेरी याद आती है......
केहना है ये जो अंधेरा है......
मुझे जब डराते है......
तो तेरी याद आती है......
कहेना है तुम बिन ये ना साँसें चलती है......
ना ये दिल धडता है......
अबतो अरमा है तुझसे सब कुछ केहने का,
और तुझको गले लगाने का,
जब तुम गले लगाते हो......
तो एक मदहोशी सी छा जाती है......
पर सच कहूं तो ये सब तो एक बहाना है.......
बस किसी ना किसी बहाने तुम्हारे करीब मुझे आना है....
प्रभात.........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
और बहोत कुछ केहना है......
केहना है ये जो सूरज है......
मुझे अपनी गर्मी से जलाता है......
तो तेरी याद आती है......
केहना है ये जो चाँद है.......
अपनी ठंडक से मुझे तडपाता है......
तो तेरी याद आती है......
केहना है ये जो सितारे है......
मुझे अकेले देख हंसी उडाते हैं......
तो तेरी याद आती है......
केहना है ये जो अंधेरा है......
मुझे जब डराते है......
तो तेरी याद आती है......
कहेना है तुम बिन ये ना साँसें चलती है......
ना ये दिल धडता है......
अबतो अरमा है तुझसे सब कुछ केहने का,
और तुझको गले लगाने का,
जब तुम गले लगाते हो......
तो एक मदहोशी सी छा जाती है......
पर सच कहूं तो ये सब तो एक बहाना है.......
बस किसी ना किसी बहाने तुम्हारे करीब मुझे आना है....
प्रभात.........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
बहुत ही संवेदनशील रचना है
ReplyDeleteशुक्रिया रिंकी जी 🙏
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