दिल चाहता है.... Hindi love poem
दिल चाहता है....
दिल चाहता है बन के साया,
तेरी हिफाजत करूँ...॥
रख के सर तेरी बाँहों में,
मैं हर रात तेरी हिदायत करूँ...॥
एक पल भी आँखों से,
तुझे कभी दूर ना होने दुँ...॥
ओर जब हो एसा कभी तो,
मैं रब से इसकी शिकायत करूँ...॥
हर सुबहा जब तू सोई हो,
अपनी कमसीन अदाओं के साथ...॥
लेकर तुझे तब बाँहों में,
तेरे होंठों की ईनायत करूँ...॥
हर शाम रहेकर तेरी पनाहों में,
तेरे चाहत के गीत गाऊँ...॥
और ये शाम कभी ढले ना,
एसी रब से रिवायत करूँ...॥
रब से जब मेरे लब तेरी खातिर,
सो-सो दुआए करते होंगे...॥
मैं उन हर एक दुआओ में,
हजारों बार तुझपर मरने की चाहता करूँ...॥
रातों को जब कभी तुझे,
निंद ना आए तो ए मेरी जान...॥
लेकर तुझे आपनी पनाहों में,
तेरे सोने की खातिर तिलावट करूँ...॥
इतनी मोहोब्बत करूँ...,
इतनी मोहोब्बत करूँ...तुझसे ए मेरी जान...॥
कि होकर फना तेरी मोहोब्बत में,
ए सनम मैं तो तेरी ईबादत करूँ...॥
प्रभात........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
दिल चाहता है बन के साया,
तेरी हिफाजत करूँ...॥
रख के सर तेरी बाँहों में,
मैं हर रात तेरी हिदायत करूँ...॥
एक पल भी आँखों से,
तुझे कभी दूर ना होने दुँ...॥
ओर जब हो एसा कभी तो,
मैं रब से इसकी शिकायत करूँ...॥
हर सुबहा जब तू सोई हो,
अपनी कमसीन अदाओं के साथ...॥
लेकर तुझे तब बाँहों में,
तेरे होंठों की ईनायत करूँ...॥
हर शाम रहेकर तेरी पनाहों में,
तेरे चाहत के गीत गाऊँ...॥
और ये शाम कभी ढले ना,
एसी रब से रिवायत करूँ...॥
रब से जब मेरे लब तेरी खातिर,
सो-सो दुआए करते होंगे...॥
मैं उन हर एक दुआओ में,
हजारों बार तुझपर मरने की चाहता करूँ...॥
रातों को जब कभी तुझे,
निंद ना आए तो ए मेरी जान...॥
लेकर तुझे आपनी पनाहों में,
तेरे सोने की खातिर तिलावट करूँ...॥
इतनी मोहोब्बत करूँ...,
इतनी मोहोब्बत करूँ...तुझसे ए मेरी जान...॥
कि होकर फना तेरी मोहोब्बत में,
ए सनम मैं तो तेरी ईबादत करूँ...॥
प्रभात........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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