क्या मेरी दुनिया सज़ा लोगी तुम..... Hindi love poem ......
लाखों की भीड़ में मुझे,
क्या पहेचान लोगी तुम..
बढ़ा दूँ अपना हाथ जो
क्या थाम लोगी तुम..
जोड़ीया तो अक्सर,
बनती है आसमानो में...
सातो जनम का साथ,
क्या निभा लोगी तुम..
कहेते हैं मोहोब्बत बस,
होती है एक ही बार..
क्या मेरे साथ सारी उम्र,
बीता लोगी तुम..
अगर चला जाऊँ मैं कभी,
किसी ओर दूर तुमसे..
क्या मेरे निशान पर,
अपने कदम बढ़ा लोगी तुम..
मेरी तनहा जिन्दगी मे,
तेरी ही कमी सी है..
बनकर दिल का हिस्सा
क्या मेरी दुनिया सजा लोगी तुम..
प्रभात......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
क्या पहेचान लोगी तुम..
बढ़ा दूँ अपना हाथ जो
क्या थाम लोगी तुम..
जोड़ीया तो अक्सर,
बनती है आसमानो में...
सातो जनम का साथ,
क्या निभा लोगी तुम..
कहेते हैं मोहोब्बत बस,
होती है एक ही बार..
क्या मेरे साथ सारी उम्र,
बीता लोगी तुम..
अगर चला जाऊँ मैं कभी,
किसी ओर दूर तुमसे..
क्या मेरे निशान पर,
अपने कदम बढ़ा लोगी तुम..
मेरी तनहा जिन्दगी मे,
तेरी ही कमी सी है..
बनकर दिल का हिस्सा
क्या मेरी दुनिया सजा लोगी तुम..
प्रभात......
तेरा मेरा साथ रहे 👫
Very nice
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