जब बात चले चाहत की..... Hindi love poem
जब बात चले चाहत की तब, नाम मेरा तुम ले लेना...
कह देना एक है पागल दिवाना,
जो मुझपे ही मरता है.....
मुझे उससे प्यार नही पर,
वो बेइन्तीहां प्यार मुझसे ही करता है.....
मेरी खुशियों मे खुश रहता,
मेरे दुःख से वो भी दुखी हो जाता है.....
मेरे चेहरे की एक मुस्कान के लिए,
वो कुछ भी कर जाता है.....
कोइ उसका जो नाम पुछे तो,
नाम मेरा ले लेता है.....
मीलो दूर हूँ मै उससे,
फिर भी हर पल वो पास मुझे पा लेता है.....
राहों मे पलके बिछाए,
मेरा ईन्तजार वो करता है.....
जब मै नही दिखूं तो,
अपनी पलके भीगो लेता है....
अपनी हर कविता में वो
मेरे लिए प्यार भर देता है.....
यूँ तो हैं लड़कियां उसकी दिवानी,
पर वो मुझी पर मरता है.....
हां है एक पागल दिवाना जो मुझसे प्यार वो करता है.....!!
प्रभात........
कह देना एक है पागल दिवाना,
जो मुझपे ही मरता है.....
मुझे उससे प्यार नही पर,
वो बेइन्तीहां प्यार मुझसे ही करता है.....
मेरी खुशियों मे खुश रहता,
मेरे दुःख से वो भी दुखी हो जाता है.....
मेरे चेहरे की एक मुस्कान के लिए,
वो कुछ भी कर जाता है.....
कोइ उसका जो नाम पुछे तो,
नाम मेरा ले लेता है.....
मीलो दूर हूँ मै उससे,
फिर भी हर पल वो पास मुझे पा लेता है.....
राहों मे पलके बिछाए,
मेरा ईन्तजार वो करता है.....
जब मै नही दिखूं तो,
अपनी पलके भीगो लेता है....
अपनी हर कविता में वो
मेरे लिए प्यार भर देता है.....
यूँ तो हैं लड़कियां उसकी दिवानी,
पर वो मुझी पर मरता है.....
हां है एक पागल दिवाना जो मुझसे प्यार वो करता है.....!!
प्रभात........
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