Har roj subha tum aise aana......G..M ..Hindi poem
*हर रोज सुबह तुम ऐसे आना।...!*
*सबके लिए खुशियां तुम लाना...!*
*ना रहे किसी के जिवन में अंधियारा,*
*तुम ऐसी आशा की किरणों को लाना...!*
*ना रूठे कोई अपना अपनों से,*
*तुम ऐसे दिलों में प्यार भर जाना...!*
*रहे अमन-चैन मेरे वतन में*
*ऐसी खुशियों की बयार तुम लाना...!*
*जब हो मस्जिद में अजान और जयकारों से गूंजे शिवाला,*
*भक्ति भाव से भीगे मन ऐसी आस्था तुम दिलों में जगाना....!*
*हर रोज सुबह तुम ऐसे आना।...!*
*सबके लिए खुशियां तुम लाना...!*
प्रभात......
*सबके लिए खुशियां तुम लाना...!*
*ना रहे किसी के जिवन में अंधियारा,*
*तुम ऐसी आशा की किरणों को लाना...!*
*ना रूठे कोई अपना अपनों से,*
*तुम ऐसे दिलों में प्यार भर जाना...!*
*रहे अमन-चैन मेरे वतन में*
*ऐसी खुशियों की बयार तुम लाना...!*
*जब हो मस्जिद में अजान और जयकारों से गूंजे शिवाला,*
*भक्ति भाव से भीगे मन ऐसी आस्था तुम दिलों में जगाना....!*
*हर रोज सुबह तुम ऐसे आना।...!*
*सबके लिए खुशियां तुम लाना...!*
प्रभात......
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