सुबह तेरे संग सुहानी लगती है... G...m... . Hindi love poem
सुबह तेरे संग सुहानी लगती है...
ये फिजा भी जैसे दीवानी लगती है...
जब बजती है तेरे पैरों की पाजेब,
सुन के ये हवा भी मस्तानी लगती है...
खिल उठती है कलियाँ तेरी मुस्कान से,
ये कलियाँ भी तेरे हुस्न की दीवानी लगती है...
बिखर जाऐ जुल्फें जो तेरी इन घटाओं में,
बरसती बूंदों में तेरी महेक आने लगती है...
लहराये जो तू अपना आँचल इन हवाओं में,
कसम से मेरी "जान "
पूरी कायनात में मुझे तू सबसे हसीन लगती हैं...!!
प्रभात.......
ये फिजा भी जैसे दीवानी लगती है...
जब बजती है तेरे पैरों की पाजेब,
सुन के ये हवा भी मस्तानी लगती है...
खिल उठती है कलियाँ तेरी मुस्कान से,
ये कलियाँ भी तेरे हुस्न की दीवानी लगती है...
बिखर जाऐ जुल्फें जो तेरी इन घटाओं में,
बरसती बूंदों में तेरी महेक आने लगती है...
लहराये जो तू अपना आँचल इन हवाओं में,
कसम से मेरी "जान "
पूरी कायनात में मुझे तू सबसे हसीन लगती हैं...!!
प्रभात.......
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