Bulata hun tujhe o maa mother's day Hindi poem.....
बुलाता हूं तुझे ओ माँ मेरी आवाज तू सुन ले माँ....
आँखें खोल भी दे अब तू मुझे सिने से लगा ले माँ....
आँखें खोल भी दे अब तू मुझे सिने से लगा ले माँ....
सुना था माँ बच्चों से कभी नाराज नहीं होती,
हुई क्या मुझसे कोई खता इतना तो बता दे माँ....
हुई क्या मुझसे कोई खता इतना तो बता दे माँ....
तेरी ममता के आँचल में मेरा बचपन है बिता,
तेरी बिना कैसे जीऊँ बस इतना तू बता दे माँ....
तेरी बिना कैसे जीऊँ बस इतना तू बता दे माँ....
तेरे हाथों से जो खाये वो निवाले याद आते है,
मुझको अपने हाथो से तू कुछ तो खिला दे माँ....
मुझको अपने हाथो से तू कुछ तो खिला दे माँ....
तरसती है मेरी नींदें तेरी लोरी को सुनने को,
अपनी गोद में ले कर मुझे तू वो लोरी सुना दे माँ....
अपनी गोद में ले कर मुझे तू वो लोरी सुना दे माँ....
बिन माँ के बच्चों का देखा है हाल बूरा मैंने,
होगा क्या हाल फिर मेरा ये भी तू सोच ले माँ....
होगा क्या हाल फिर मेरा ये भी तू सोच ले माँ....
एक तू ही थी वो जिसने कभी मुझे रोने नहीं दिया,
आज आँखों से बहती आँसुओं की धार तू देख ले माँ....
आज आँखों से बहती आँसुओं की धार तू देख ले माँ....
एक तेरा ही सहारा है मुझे तू बे-सहारा ना कर,
पोंछ के आँसु को मेरे मुझे बेटा कह के बुला ले माँ....
पोंछ के आँसु को मेरे मुझे बेटा कह के बुला ले माँ....
बुलाता हूं तुझे ओ माँ मेरी आवाज तू सुन ले माँ....
आँखें खोल भी दे अब तू मुझे सिने से लगा ले माँ....
आँखें खोल भी दे अब तू मुझे सिने से लगा ले माँ....
प्रविण..........💖
माँ तेरी याद में....
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