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Showing posts from May 24, 2024

उसे मोहब्बत कहूं या मेरी तक़दीर....!! Hindi birthday poem

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उसे मोहब्बत कहूं या मेरी तक़दीर, उसे जिंदगी कहूं या मेरे हाथों की लकीर... हर खुशी मेरी उससे बावस्ता है, वो "प्रतिभा" है मेरी मैं हूं उसका "प्रविन"... 💞🍫🍰🎈🎂🎈🍰🍫💞 आज सुबह में कुछ अलग ही बात है, जैसे खुशियां ही खुशियां हर तरफ है... आज के दिन ही वो आई थी इस जहां में, जिसे रब ने लिखा है मेरे नसीब में.... पा कर उसे मैं मुकम्मल हुआ, मेरी जिंदगी को उसका सहारा मिला... साथ हमारा यूं ही बना रहे हमेशा हर सुख दु:ख हम दोनों संग रहें... कभी दूर ना मैं उस से रहूं और ना दूर वो मुझसे रहे, जन्मदिन मैं उसका हर साल यूं ही मनाता रहूं.... उसे खुशियों के उपहार मैं देता रहूं, ता उम्र मैं ‌बस उसे ही प्यार करता रहूं... 💠💕💕🎂💕💕💠 जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, मेरी जिवन संगिनी "प्रतिभा", हमेशा तुम हंसती मुस्कुराती रहो, जिसका मैं पूरा प्रयास करता रहूंगा...!! प्रविन......... तेरा मेरा साथ रहे 👫💞

मेरी आदत है..........!! Hindi Love Poem......

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तू मेरे करीब नहीं        फिर भी तेरे साथ रहने की,                 मेरी आदत है............! तू कुछ बोलती नहीं,         फिर भी तुझे सुनने की,                मेरी आदत है............! तू मिलती नहीं मुझे,        फिर भी तुझे बंद आंखों से देखने की,               मेरी आदत है............! तू लिखती नहीं कुछ भी मुझे,        फिर भी तुझे पढ़ने की,               मेरी आदत है............! तू कहां सुनती है मेरी,         फिर भी तुझे सबकुछ कहने की,               मेरी आदत है............! पता है तू कभी नहीं आएगी,         फिर भी तेरी राह तकने की,               मेरी आदत है............! तू पढ़ती नहीं कभी लिखावट मेरी,          फिर भी तुझे कविता में लिखने की,                मेरी आदत है............! जानता हूं तू मेरी नहीं है,          फिर भी तेरा बने रहने की,               ‌ मेरी आदत है............! मैं जानता हूं सबकुछ,          फिर भी जान कर अंजान बनने की,               मेरी आदत है............! तू किस्तम में नहीं मेरी,          फिर भी तुझे दुआओं में मांगने की,              

आई होली आई देखो खुशियों के रंग लिए..... Holi Hindi poem.....

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दिलों में उमंग लिए..... प्यार का तरंग लिए..... आई होली आई देखो, खुशियों के रंग लिए..... रिश्तों में मिठास लिए..... अपनों को साथ लिए..... आई होली आई देखो, खुशियों के रंग लिए..... अच्छाई को साथ लिए..... बुराई को जलाने की...... आई होली आई देखो, खुशियों के रंग लिए..... नफ़रत को हरा के..... प्यार की जीत लिए..... आई होली आई देखो  खुशियों के रंग लिए..... ठंडी ठंडाई  लिए.... व्यंजनों की मिठास लिए..... आई होली आई देखो  खुशियों के रंग लिए..... रंगों की बौछार लिए.... जिंदगी के हसीन रंग लिए.... आई होली आई देखो, खुशियों के रंग लिए..... होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं  प्रविन.........✍️ Dilon Mein Umanga Liye...... Pyar Ka Tarang Liye...... Aai Holi Aai Dekho, Khushiyon Ke Rang Liye....... Rishton Ki mithaas Liye...... Apnon ko Sath Liye...... Aai Holi Aai Dekho, Khushiyon Ke Rang Liye....... Achchhai ko Sath Liye..... Burai ko jalane Aai...... Aai Holi Aai Dekho, Khushiyon Ke Rang Liye.......

आओ इस फागुन खेले प्यार की होली.....Hindi Holi poem

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रंगों ने रंग दी रंगोली.... आओ इस फागुन खेले प्यार की होली..... मन रंग दो तन‌ रंग दो.... रंग दो आज ये दुनिया सारी.... बन के मस्तानो की टोली..... आओ इस फागुन खेले प्यार की होली..... भर के रंगों की पिचकारी..... रंग दो चुनरिया मोरी कोरी..... जैसे खेले राधा संग कन्हाई..... आओ इस फागुन खेले प्यार की होली..... भीगी साड़ी भीगी मोरी ये चोली..... सजन करो ना यूं जोरा जोरी..... मै तो रंगी हूं तेरी प्रित में पुरी..... आओ इस फागुन खेले प्यार की होली..... रंग दूं चाहत के रंग से तुझे.... भर लूं बांहों में ऐसे तुझे..... कभी छुटे ना ये रंग अपने प्यार का..... आओ इस फागुन खेले हम ऐसी होली.... प्रविन..........✍️ Rango Ne Rang Di Rangoli..... Aao Is Fagun Khele Pyar Ki Holi...... Man Rang Do, Tan Rang Do..... Rang Do Aaj Ye Duniya Sari....... Ban Kar Mastano Ki Toli..... Aao Is Fagun Khele Pyar Ki Holi...... Bhar Ke Rango Ki Pichkari..... Rang Do Chunariya Mori Kori...... Jaise Radha Sang Khele Kanhai...... Aao Is Fagun Khele Pyar Ki Holi...... Bhigi Sa

यह कैसी मोहब्बत...

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वह मोहब्बत ही किस काम की,,,   जिस में हम कभी मिल हि न पाए,,, वह ख्वाब ही किस काम के,,,   जिसे हम कभी सच ही न कर पाए,,, वह रास्ते ही किस काम के,,,   जिस पर हम कभी साथ चल ही न पाए,,, वह हुस्न ही किस काम का,,,   जिस का हम कभी दीदार ही न कर पाए,,, वह बांहे किस काम की,,,   जिसे हम कभी बांहो मे न भर पाए,,, वह लबों की मिठास ही किस काम की,,,   जिसे हम कभी लबों से चुम ही न पाए,,, वह जुल्फों की लटें किस काम की,,,   जिस में हम कभी उलझ ही न पाए,,,      वह सांसो की खुशबू किस काम की,   जिस में हम कभी मदहोश ही न हो पाए,,, वह चाँदनी रात भी किस काम की,,,   जिस में दो दिल कभी मिल ही न पाए,,, यह मेरे लिखे हुए पैगाम किस काम के,,,   जो तुम तक कभी पहुंच ही न पाए,,, वह मोहब्बत ही किस काम की,,,   जिस में हम कभी मिल हि न पाए,,, प्रविन,,,   Wah Mohabbat Hi Kis kaam ki,,, Jis me Hum Kabhi Mil Hi Na paye,,,    Wah Khwab Hi Kis Kaam Ke,,, Jise Hum Kabhi Sach Hi Na Kar Paye,,, Wah Raste Hi Kis Kaam Ke,,, Jis Par Hum Kabhi Sath chal Hi Na Paye,,, Wah Husn Hi Kis Kaam Ka,,, Jis Ka Hum Kabhi Didaar Hi Na kar Paye,,, W

सर फक्र से उठ जाता है....!! Hindi Indipendent day poem

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  सर फक्र से उठ जाता है, जब जब तिरंगा लहराता है.......! इस देश के वीर शहीदों की, यह तिरंगा याद दिलाता है.........! अपनी मातृभूमि कि खातिर, जिन्होंने तन-मन अपने वारे हैं.........! ऐसे वीर जवानों के किस्से, हर बुजुर्ग बच्चों को सुनाता है..........! लालकिले पर राष्ट्रध्वज, प्रधानमंत्री जब फरकाते है...........! हिंद कि सेना तब अपना शौर्य, पूरी दुनिया को दिखलाता है............! जय हिंद और वंदेमातरम् का नारा, हर देशवासी लगाता हैं..........! १५ अगस्त का दिन भारत देश, एक पर्व के तौर पर मनाता है.............!! स्वतंत्रता दिवस कि शुभकामनाएं आप सभी को वंदेमातरम् 🙏 प्रविन.................✍️ sar phakr se uth jaata hai, jab jab tiranga laharaata hai.......! is desh ke veer shaheedon kee, yah tiranga yaad dilaata hai.........! apanee maatrbhoomi ki khaatir, jinhonne tan-man apane vaare hain.........! aise veer javaanon ke kisse, har bujurg bachchon ko sunaata hai..........! laalakile par raashtradhvaj, pradhaanamantree jab pharakaate hai...........! hind ki sena tab apana shaury, pooree duniya ko di