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Showing posts from April 26, 2018

सुन ले मेरे प्यार की पुकार........ Hindi love poem.......

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खुद में नहीं बस, तझमे ही खोई रहती हुं........! तुझे तेरी यादों में, महसूस करती रहती हुं..........! तसवीर को तेरी, आँखों में बसाये रखती हुं..........! बिन पुकारे तेरी आवाज को, सुनती रहती हुं..........! तेरी ही चाहत के सपने, मन में बुनती रहती हुं.........! तेरी जुदाई के रुख को, हर रुख से मोडती रहती हुं.........! तमन्ना नही महलो की, अब तो मुझे..........! तेरे ही दिल में अपना घर, बसाना चाहती हुं...........! सुन लेना मेरे प्यार की, अब पुकार तू...........! रखे तु जिस हाल में, उस हाल में रहना चाहती हुं...........!! प्रतिभा.......... तेरा मेरा साथ रहे 👫

अनमोल विचार......G....M.... Hindi suvichar.......

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                      प्रकृति का कालचक्र नियम देखिए                       1~ बचपन:- समय है, शक्ति है,                             लेकिन पैसा नहीं है ..                      2~ युवावस्था:- शक्ति है, पैसा है,                            लेकिन समय नहीं है ..                      3~ बुढ़ापा:- पैसा है, समय है,                            लेकिन शक्ति नहीं है ..                             प्रकृति का कोई जबाब नहीं                             इसलिए प्रतिदिन हर्ष ..                              उल्लास .. और खुशी                                में जीवन बिताएं।                                      🐾☀🐾                                " All is well.!"                                       ¸.•*""*•.¸                                       🌹💐🌹                               ""सदा मुस्कुराते रहिये""                        🌹 *हँसते रहिये हंसाते रहिये*🌹                      🙏🙏 🌞सुप्रभात 🌞🙏🙏                     .    🌷🌷🌹🌹🎈

डर लगता है अब मुझे, इस दुनियां में आने से.....!! Hindi daughter poem

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डर लगता है अब मुझे, इस दुनियां में आने से...............! जहां घूमते हैं खुलेआम, भेडियें इस ज़माने में................! कैसे खुद को बचाऊंगी, इन वहशी हैवानों से................! बस हवस ही भरी है, आज के इंसानों में.................! न दया, न करूणा इनमें, न हीं बेटी का लिहाज है..........! बस जिस्म की भूख मिटाने, घूमता यहां हर शैतान हैं..........! लूटती है जब किसी, मासूम की अस्मत.................! उसके दर्द की चीखों से, रो पड़ता सारा आसमान है......! पर लोगों को कोई फर्क न पड़ता, कहते की अपनी कौन-सी ये रिश्तेदार है........! अखबार की सुर्खियों में होता, फिर उसकी इज्जत का व्यापार है........! दब जाती अंधे कानून की फाईलों में, उस मासूम की दर्द भरी हर चीख है............! प्रभात....... यह पोस्ट मासूम आसिफा को  श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित करता हूं

मांग में चुटकी भर सिंदूर लगा के........ Hindi love poem........

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मांग में चुटकी भर सिंदूर लगा के, बालों में गजरा सजाती है..........! जब पहनले वो साड़ी तो, किसी हूर से कम नहीं लगती है.........! कल तक थी जो बेटी किसी की, आज बहू का दर्जा वो निभाती है.........! सास-ससुर की मर्यादा के लिए अपने सिर पर पल्लू वो रखती है..........! रंगीन कांच की चूड़ियों से, सजी रहती है उसकी कलाई..........! उसकी चूड़ियों की खनक जैसे, मुझे पास बुलाती रहती है..........! चलती है यूं तो वो दबे पांव पर उसकी पाजेब शोर मचाती है..........! लचकती उसकी कमर के साथ, उसकी चोटी भी लहराती है...........! चुपके से यूं नजर उठाकर, जब उसे मैं देख लेता हूं...........! वो भी मुझे देख कर तब, मन ही मन मुस्कुराती है............! होती तब थोड़ी शरारत, बस इशारों ही इशारों में............! समझ कर वो मेरे इशारे, शर्म से पानी पानी हो जाती है...........! हुस्न तेरा देख कर मेरी जान, मैं कुछ न कुछ लिख देता हूं............! तुझे पाकर ओ मेरी "प्रतिभा", मैं खुद को खुशनसीब समझता हूं...........! प्रभात........ तेरा मेरा साथ रहे 👫