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Showing posts from February 8, 2018

Bulata hun tujhe o maa mother's day Hindi poem.....

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बुलाता हूं तुझे ओ माँ मेरी आवाज तू सुन ले माँ.... आँखें खोल भी दे अब तू मुझे सिने से लगा ले माँ.... सुना था माँ बच्चों से कभी नाराज नहीं होती, हुई क्या मुझसे कोई खता इतना तो बता दे माँ.... तेरी ममता के आँचल में मेरा बचपन है बिता, तेरी बिना कैसे जीऊँ बस इतना तू बता दे माँ.... तेरे हाथों से जो खाये वो निवाले याद आते है, मुझको अपने हाथो से तू कुछ तो खिला दे माँ.... तरसती है मेरी नींदें तेरी लोरी को सुनने को, अपनी गोद में ले कर मुझे तू वो लोरी सुना दे माँ.... बिन माँ के बच्चों का देखा है हाल बूरा मैंने, होगा क्या हाल फिर मेरा ये भी तू सोच ले माँ.... एक तू ही थी वो जिसने कभी मुझे रोने नहीं दिया, आज आँखों से बहती आँसुओं की धार तू देख ले माँ.... एक तेरा ही सहारा है मुझे तू बे-सहारा ना कर, पोंछ के आँसु को मेरे मुझे बेटा कह के बुला ले माँ.... बुलाता हूं तुझे ओ माँ मेरी आवाज तू सुन ले माँ.... आँखें खोल भी दे अब तू मुझे सिने से लगा ले माँ.... प्रविण..........💖 माँ तेरी याद में....

Happy chocolate day Hindi poem ......

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              *किताबों के पन्ने पलट के सोचता हूं.......*                            *यूं पलट जाए जिंदगी,*                               *तो क्या बात है.......*                         *तमन्ना जो पूरी हो ख्वाबों में,*                                *हकीकत बन जाए,*                               *तो क्या बात है........*                   *कुछ लोग मतलब के लिए ढूंढते हैं मुझे,*                             *बिन मतलब कोई आए,*                               *तो क्या बात है........*                 *कत्ल कर के तो सब ले जाएंगे दिल मेरा,*                              *कोई बातों से ले जाए,*                                *तो क्या बात है.........*                    *जो शरीफों की शराफत में बात ना हो,*                            *वो एक शराबी कह जाए,*                                 *तो क्या बात है........*                      *जिंदा रहने तक तो खुशी दूं सबको,*                *किसी को मेरी मौत पर भी खुशी मिल जाए,*                                 *तो क्या बात है.......*  

Kuchh pal ki hai judai Jana ......Hindi love poem

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कुछ पल की है जुदाई जाना,        तुम अपना ख्याल रखना......! कभी हो ना पाए बात तो,        दिल को ना तुम उदास रखना......! चाहत मेरी तुझसे है ,,और,,       तुझसे ही रहेगी हमेशा......! मेरी वफां,,और,,अपनी मोहब्बत पर,       बस तुम ऐतबार रखना......! गुजर जाएंगे ये कुछ दिन भी,        अपनी जुदाई के सनम.....! तब तक तुम मेरी तस्वीर से ही,        अपना दिल बहेलाए रखना.....! तेरी आंखों ने जो सजाए हैं,        हमारे प्यार के हर सपने......! तुझे कसम है इसे आंसुओं से,        तुम कभी बेज़ार ना करना......! जब याद आए मेरी,,और,,        आंखों में तेरी नींद ना आए.......! तब उस आसमां के चांद में,       तुम मेरा दीदार करना......! फुरकत के इन लम्हें को मैं,       बहोत जल्दी ही मिटाऊंगा......! ले कर तुझे अपनी बाहों में,       फिर कभी तुझसे दूर ना जाऊंगा........! दर्द-ए-जुदाई के हर ज़ख़्मो पे,       अपने प्यार का मरहम लगाऊंगा.......! बस कुछ पल की है जुदाई जाना,        तुम अपना खयाल रखना.......!! प्रविण..........✍ Kuchh pal ki judai hai J

Propose day Hindi poem

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💞 Happy propose day 💞 आज दिल के मैं सारे तुझे जज्बात कहे दूं हां मोहब्बत है तुझसे ये मैं आज कहे दूं कबतक दिल में छुपाता तेरी चाहत को‌ सनम कभी तो कहेना‌ ही था क्यों ना आज कहे दूं आज दिन भी है इजहार-ए-मोहब्बत का जाना फिर क्यूं ना मैं अपने प्यार का इजहार कर दूं डर भी है दिल में की तेरा जवाब क्या होगा फिर भी सुन ले तू जो तुझसे मैं आज कहे दूं . . . जब देखा तुझे मैंने पहली दफा तेरी सादगी पर मैं हो‌ गया फीदा दिल की धड़कनें भी तुझे चाहने लगी मेरी आंखें भी तेरे सपने सजाने लगी एक पल भी तेरे बिन रहना मुश्किल हुआ दिन बदिन तेरा नासा मुझ पे बढ़ता गया अब तो‌ जैसे की तू मेरी आदत सी बन गई तेरे बगैर अब तो‌ जीना मेरा मुश्किल हो गया करता हूं दिल-ओ-जान से प्यार तुझसे ये आज मैं कहेता हूं तू बने मोहब्बत-ए-जिंदगी मेरी बस मैं तुझसे यही चाहता हूं प्रविण......

Family poem haan Mai mohabbat hun ......!!

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                                   मैं मोहब्बत हूं.....                            हर दिल की मैं जरूरत हूं.....                                हां मैं मोहब्बत हूं.....!!                 माँ के आँचल लिपटे हुए उस बच्चे के लिए,                       उस माँ की आँखों का मैं तारा हूं....                                हां मैं मोहब्बत हूं......!!                     बाप के कांधे चढ़ बेटा दुनिया जो देखे,              उनके खून पसीने से सिंचा हुए वो पौधा हूं......!!                                 हां मैं मोहब्बत हूं.....!!                 प्यारी बहेना की गोद में खेलता वो बचपन,            भाई की कलाई पे बांधी रेशम की वो डोर हूं......!!                                  हां मैं मोहब्बत हूं......!!                              दादा दादी की कहानियों में,                         जिंदगी में मिलती वो सिख हूं......!!                                  हां मैं मोहब्बत हूं......!!                         सात जन्मों का जुड़ा जो बंधन,                    उस पत्नी के माथे का मैं