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बर्दाश्त की अब हद हो गई....!!! Hindi desh bhakti poem

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बर्दाश्त की अब हद हो गई, माफी की अब नहीं गुंजाइश है.... पाकिस्तान तुझे तो अब, तेरी औकात हमें दिखानी है.... बहाया जो लहू जवानों का तुने, उसकी भारी किमत तुझे चुकानी है.... मिटा कर तेरा नामोनिशान, आतंक को हमें सबक सिखानी है.... दिवालिया हो गई है तेरी हालत, अब भूखमरी की भी तैयारी है.... आतंकवाद को बढ़ावा देकर, तुने अपनी शामत बुलाली है.... ख़ून खौल उठा है भारत का, तुझे धुल तो अब हमें चटानी है.... भूल गया है तू शायद हिन्दुस्तान की ताकत, अब तुझे हमें अपनी ताकत दिखानी है.... पिठ पर वार करना आदत नहीं हमारी, तेरे सीने में तलवार उतारनी है.... बर्दाश्त की अब हद हो गई, माफी की अब नहीं गुंजाइश है.... पाकिस्तान तुझे तो अब, तेरी औकात हमें दिखानी है....!!! वंदे मातरम् 🙏 जय हिन्द ✊जय भारत मेरे देश के सभी शहिद जवानों को इस कविता के माध्यम से श्रद्धांजली अर्पित करता हूं प्रभात........

यह कैसी मोहब्बत...

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वह मोहब्बत ही किस काम की,,,   जिस में हम कभी मिल हि न पाए,,, वह ख्वाब ही किस काम के,,,   जिसे हम कभी सच ही न कर पाए,,, वह रास्ते ही किस काम के,,,   जिस पर हम कभी साथ चल ही न पाए,,, वह हुस्न ही किस काम का,,,   जिस का हम कभी दीदार ही न कर पाए,,, वह बांहे किस काम की,,,   जिसे हम कभी बांहो मे न भर पाए,,, वह लबों की मिठास ही किस काम की,,,   जिसे हम कभी लबों से चुम ही न पाए,,, वह जुल्फों की लटें किस काम की,,,   जिस में हम कभी उलझ ही न पाए,,,      वह सांसो की खुशबू किस काम की,   जिस में हम कभी मदहोश ही न हो पाए,,, वह चाँदनी रात भी किस काम की,,,   जिस में दो दिल कभी मिल ही न पाए,,, यह मेरे लिखे हुए पैगाम किस काम के,,,   जो तुम तक कभी पहुंच ही न पाए,,, वह मोहब्बत ही किस काम की,,,   जिस में हम कभी मिल हि न पाए,,, प्रविन,,,   Wah Mohabbat Hi Kis kaam ki,,, Jis me Hum Kabhi Mil Hi Na paye,,,    Wah Khwab Hi Kis Kaam Ke,,, Jise Hum Kabhi Sach Hi Na Kar Paye,,, Wah Raste Hi Kis Kaam Ke,,, Jis Par Hum Kabhi Sath chal Hi Na Paye,,, Wah Husn Hi Kis Kaam Ka,,, Jis Ka Hum Kabhi Didaar Hi Na kar Paye,,, W

सर फक्र से उठ जाता है....!! Hindi Indipendent day poem

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  सर फक्र से उठ जाता है, जब जब तिरंगा लहराता है.......! इस देश के वीर शहीदों की, यह तिरंगा याद दिलाता है.........! अपनी मातृभूमि कि खातिर, जिन्होंने तन-मन अपने वारे हैं.........! ऐसे वीर जवानों के किस्से, हर बुजुर्ग बच्चों को सुनाता है..........! लालकिले पर राष्ट्रध्वज, प्रधानमंत्री जब फरकाते है...........! हिंद कि सेना तब अपना शौर्य, पूरी दुनिया को दिखलाता है............! जय हिंद और वंदेमातरम् का नारा, हर देशवासी लगाता हैं..........! १५ अगस्त का दिन भारत देश, एक पर्व के तौर पर मनाता है.............!! स्वतंत्रता दिवस कि शुभकामनाएं आप सभी को वंदेमातरम् 🙏 प्रविन.................✍️ sar phakr se uth jaata hai, jab jab tiranga laharaata hai.......! is desh ke veer shaheedon kee, yah tiranga yaad dilaata hai.........! apanee maatrbhoomi ki khaatir, jinhonne tan-man apane vaare hain.........! aise veer javaanon ke kisse, har bujurg bachchon ko sunaata hai..........! laalakile par raashtradhvaj, pradhaanamantree jab pharakaate hai...........! hind ki sena tab apana shaury, pooree duniya ko di

मेरी आदत है..........!! Hindi Love Poem......

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तू मेरे करीब नहीं        फिर भी तेरे साथ रहने की,                 मेरी आदत है............! तू कुछ बोलती नहीं,         फिर भी तुझे सुनने की,                मेरी आदत है............! तू मिलती नहीं मुझे,        फिर भी तुझे बंद आंखों से देखने की,               मेरी आदत है............! तू लिखती नहीं कुछ भी मुझे,        फिर भी तुझे पढ़ने की,               मेरी आदत है............! तू कहां सुनती है मेरी,         फिर भी तुझे सबकुछ कहने की,               मेरी आदत है............! पता है तू कभी नहीं आएगी,         फिर भी तेरी राह तकने की,               मेरी आदत है............! तू पढ़ती नहीं कभी लिखावट मेरी,          फिर भी तुझे कविता में लिखने की,                मेरी आदत है............! जानता हूं तू मेरी नहीं है,          फिर भी तेरा बने रहने की,               ‌ मेरी आदत है............! मैं जानता हूं सबकुछ,          फिर भी जान कर अंजान बनने की,               मेरी आदत है............! तू किस्तम में नहीं मेरी,          फिर भी तुझे दुआओं में मांगने की,              

१४ फरवरी पुलवामा शहिद दिवस..…...!!! Hindi Deshbhakti poem

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दिन वही, तारिख वही, और महिना भी वही है.....! पुलवामा के शहिदों की, १४ फरवरी भी वही है......! कैसे मानाए इस दिन को हम मोहब्बत के तौर पर, हर हिन्दुस्तानी के लिए तो, मनहूस दिन भी यही है......! उजड़ा था सुहाग किसी का, बुझ गया था घर का चिराग, रोते बिलखते बच्चों के सर पे, आज बाप का साया भी नहीं है......! भूल जाए भला कैसे हम, उस दर्दनाक मंजर को, इस वेलेंटाइन के दिन में ही, उनकी चीखें जो छुपी है.......! श्रद्धांजलि अर्पित है हमारी, उन सभी वीर जवानों को, १४ फरवरी को....... पुलवामा शहिद दिवस मनाएं हमारी सबसे गुजारिश यही है.......!!! जय हिन्द ✊ प्रविन..........✍️

ये वतन है हिन्दुस्तान हमारा.....!! Hindi desh bhakti poem

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इज्ज़त दी है जो तुम्हें, उसे दिल से न मिटाओ.....! ये वतन है हिन्दुस्तान हमारा, इसे पाकिस्तान न बनाओ.....! हर धर्म और जाति का, हम करते हैं सम्मान यहां, नफरत के बीज बो कर, हमें आपस में न लडाओ......! लहू से अपने सिंचा है, इस धरती को शहिदों ने, वीर भगत, चंद्रशेखर और सुखदेव को न भुलाओ......! राष्ट्र हित में जो काम करें, उस काम को भी सराहो, नहेरू, जिन्ना और गांधी की, गलतीओं को न दोहराओ......! देश में छुपे उन गद्दारों की, बातों में तुम न आओ, सबका साथ सबका विकास, इस स्लोगन को अपनाओ......! ये वतन हिन्दुस्तान हमारा, इसे पाकिस्तान न बनाओ.....!! प्रविन.........!!

एक तू ही मेरे लिए खाश है... मां...!! Mother' Hindi poem

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रब की बनाई इस दुनिया में, एक तू ही मेरे लिए खाश है... मां...! तुझसे ही है ये वजूद मेरा, तुझसे जुड़ी मेरी हर आश है....मां...! वक्त के पन्ने जब पलटू तो, बचपन की सुनहरी याद है.....मां.....! लिपटा रहता तेरे आंचल से, तेरे आंचल की मीठी छांव है....मां....! बोलना सिखा जो शब्द मैंने, वो पहला शब्द तो मां ही था....मां.....! चुल्हे की बनी रोटीयों में भी, तेरे हाथों की ही मिठास है....मां.....! मेरी शैतानीयों पे तेरे गुस्से में, मुझे दिखता हमेशा प्यार ही....मां....! कभी शक्त तो कभी नरम, ऐसा प्यारा तेरा स्वभाव था....मां.....! चला था जब मैं पहली दफा, तेरी ऊंगली का ही सहारा था....मां....! दाखिला हुआ जब स्कूल में, तुझसे बिछड़ के बड़ा रोया था....मां....! छुप कर मुझे देखते हुए तब, तू भी सिसक कर खूब रोई थी....मां.....! सिखाईं जो दुनियादारी की बातें, वो आज भी सारी मुझे याद है....मां....! बस एक तू ही नहीं है पास मेरे, पर तेरी यादें हर पल मेरे साथ है..... मां.....! रब की बनाई इस दुनिया में, एक तू ही मेरे लिए खाश है... मां.....!!! प्रविन.

वो आज ही का दिन था......!!! Hindi birthday poem

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जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं मेरे प्यारे दोस्त semnil Patel वो आज ही का दिन था, जब आप आये थे इस जहान में..... ढ़ेर सारी खुशियां आप, साथ लाये थे परिवार में...... किस्मत की लकीरों ने, आपको हमसे मिलाया...... हमारी खुशनसीबी की, आप जैसा दोस्त हमने पाया..... अच्छे और बुरे वक्त में, आपने दोस्ती का फ़र्ज़ निभाया...... तभी तो हर बार जुबां पर, बस आप ही का नाम आया...... तारीफ और क्या करूं, ये दोस्त मैं आपकी...... अपनी छोटी सी कविता में आपको शब्दों में है सजाया...... इस जन्म दिन के अवसर पर, आपके लिए यह तौफा है हमारा...... आप सदा खुश रहें दोस्त, यही रब से दुआ में हमने मांगा.......!! प्रविन..........✍ 🎂🍰🎂🍹🍫🍭🍹