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Showing posts from February 16, 2018

I LOVE YOU tu likh mujhe.....Hindi love poem.....

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कागज में तेरी यादों के किस्से तू लिख मुझे...!! जो हो सके तो प्यार के वो ढाई अक्षर लिख मुझे...!! तेरे बिना यहां सिर्फ धुंध है हर जगह, तेरी गली में कैसी खिली है धूप तू लिख मुझे...!! कभी गुस्सा हो जाऊँ तो तू रूठ ना जाना, तेरे जो भी हो नाराजगी मुझसे वो तू लिख मुझे...!! कोई और चेहरा तो बसा नहीं तेरे सिवा इन पलकों में, खुद दे सके जो तसल्ली मेरे दिल को वो तू लिख मुझे...!! मेरी जिन्दगी तो अभी हर रस्ते से अंजना है, कंहा कंहा पडे हैं तेरे कदम वो तू लिख मुझे...!! अभी तक तो कोई जवाब दिया नहीं है तुने मुझे, तुझे क्या पसंद है कितना चाहती है तू मुझे, तो इन चार पंक्तियों के वो जवाब तू लिख मुझे...!! Call से या msg से जवाब मुझे नहीं चाहिए, तेरे हाथ से ही कागज में वो जवाब तू लिख मुझे...!! दिल मेरा बहोत तड़प रहा है वो प्यार के तिन शब्द सुनने के लिए, बस तेरे ही हाथ से "I LOVE YOU" तू लिख मुझे...!! प्रभात....... ➍➭ß तेरा मेरा साथ रहे 👫

Dhundhta hun har roj subha ko ......G...M Hindi poem....

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🙏🔆सुप्रभात मेरे दोस्तों 🔆🙏 Dhundhta hun har roj subha ko, Par wo subha kanhi nazar nahi aati..... Sunna chahun murge ki bang ko, Par wo avaaz bhi kanhi nahi aati..... Charo taraf hai bas sor saraba, Mandir se shankhnaad bhi nahi aati..... Galiyan bhi ab to suni pad gai, Kanhi prabhatferi bhi nazar nahi aati..... Bajte Hain gharon me sirf filmy gane, Kirtan ki Dhun bhi kanhi se nahi aati..... Badal te waqt ke sath badal Raha hai insan, Maa-baap ke charnon me zhukte sis bhi nazar nahi aate..... Dhundhta hun har roj subha ko, Par wo subha kanhi nazar nahi aati..... Pravin.........✍️ ढूंढ़ता हूं हर‌ रोज सुबह को, पर वो सुबह कहीं नजर नहीं आती...... सुनना चाहूं मुर्गे की बांग को, पर वो आवाज़ भी कहीं नहीं आती...... चारों तरफ है बस शोर शराबा, मंदिरों से अब शंखनाद भी नहीं आती..... गलियां भी अब तो सुनी पड़ गई, कहीं प्रभातफेरी भी नजर नहीं आती...... बजते हैं घरों में सिर्फ फिल्मी गाने, किर्तन की धून भी कहीं से नहीं आती...... बदलते व

Intjar k lamhe.....Hindi love poem....

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मोहब्बत में इंतजार के लम्हे, बहुत कठिन होते हैं निगाहें तरसती है दीदार को, दिल बेताब होता है..... कहीं से दिख जाए, एक झलक हुस्न-ए-यार की, हर पल ज़हन में बस यही, एक खयाल आता है..... यद करता हूं जब हमारी, पिछली मुलाकात को, तब जाकर चेहरे पर, थोड़ी सी मुस्कान आती है..... फिर देखने लगता हूं मैं, बार बार तस्वीर उसकी, लगे जैसे की तस्वीर से, उसकी आवाज आती है..... दिल मचल उठता है, उसके आने की आहट से, दूर से ही मेरी सांसों में, उसकी खुशबू आती है..... मन झुमने लगता है, उसे अपनी और आते देख, मेरी आंखे भी उसे देख, खुशी से भर आती है..... समेट लेता हूं फिर, अपनी बाहों में उसे जोरों से, भुल के सारे गिले शिकवे, उसपे बहुत प्यार आता है..... प्रभात.......➍➭ß तेरा मेरा साथ रहे 👫