वो गुजरा जमाना हम आज भूल गये...!!! Hindi suvichar

पहले......

एक तौलिए से पूरा घर नहाता था,
दूध का नंबर बारी-बारी आता था

छोटा मां के पास सो कर बड़ा इठलाता था,
पिताजी की मार का सबको डर सताता था,

बुआ के आने से माहोल सांत हो जाता था,
पूडी, खीर से पूरा घर रविवार मनाता था,

बड़े भाई के कपड़े छोटे होने का इंतजार रहता था,
स्कूल में बड़े की ताकत से छोटा रौब जमाता था,

बहन-भाई के प्यार का सबसे बड़ा नाता था,
धन का महत्व कभी कोई सोच न पाता था,

बड़े भाई की हर चीज से अपना नाता था,
मामा-मामी, नाना-नानी पर हक जताता था,

एक छोटी सी सन्दुक मुझे सबसे प्यारी थी,
उसे मैं अपनी तिजोरी बताता था,

अब........

तौलिया अगल हुआ, दूध अधिक हुआ,
मां तरसने लगी, पिता भी डरने लगे,

बुआ से कट गये, खिर की जगह पिज्जा, बर्गर मोमो आ गये
कपड़े भी व्यक्तिगत हो गये, भाईयों से दूर हो गये,

बहन के प्यार की जगह, गर्लफ्रेंड् आ गई,
अब धन प्रमुख हो गया, अब सब नया चाहिए,

नाना-नानी आदि औपचारिक हो गये,
बटुऐ में अब ज्यादा नोट हो गये,

कई भाषाएं तो सीखी पर अपनी संस्कृति भूल गये,
बहुत पाया पर कुछ खो गये,

रिश्तों के अर्थ बदल गये,
हम आगे तो बढ़ गये,
पर एहसास और संवेदनाहीन हो गये...!!!

वो गुजरा जमाना हम आज भूल गये.....

प्रभात...........

Comments

  1. Suprrrrrb post drrr
    good morning 🌹
    Hv a nice day jn
    GBU my... .Lv... P

    🌹😊😘💞👫

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

ये वतन है हिन्दुस्तान हमारा.....!! Hindi desh bhakti poem

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....