सच में औरतें बेहद अजीब होती है..... Hindi woman's poem

सच में औरतें बेहद अजीब होती है.....

छोड़ कर अपना घर आंगन,
नये घर को वो अपनाती.....

रिश्ते नाते सारे पीछे छोड़,
नये रिश्तों में वो ढल जाती.....

भूल कर अपना अस्तित्व,
नये नाम से वो जुड़ जाती.....

बहु, पत्नी, और मां बन कर,
सरे रिश्ते वो खूब निभाती.....

सुख मिले या दु:ख मिले,
सब हंसते हंसते अपनाती.....

खुद की ख्वाहिशें भूल के,
सब के अरमान वो पूरा करती....

जन्म तो लेती है वो मायके में,
पर अर्थी पे ससुराल से निकलती.....

सच में औरतें बेहद अजीब होती है.....!!!

प्रभात.........

Comments

  1. Soooooo nice drrrrrr
    Bahot khubsurat soch

    औरत गर चाहे तो घर स्वर्ग बना सकती है
    औरत अपनों की ख़ातिर सब से भीड़ जाती है

    ईसीलिए कहते है
    औरत की इज्जत करे
    ना की उन्हें बेवजह बदनाम करे या जूल्म करे.... . 🙏

    शुक्रिया प्रभात आपकी इतनी अच्छी सोच के लिए.... 👌

    Good morning.. 🌹
    Hv a blesse day ji
    Hamesha khush rahe
    Muskurate rahe asap😊

    🌹🌷🍫😘💞👫

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