मैंने दुनिया में रहना सीख लिया....!!! Hindi suvichar

मैंने दुनिया में रहना सीख लिया....!!!

अच्छा है चुप रहना सीख लिया,
लेकिन सच भी कहना सीख लिया....!

झूठ कहां दूर तक चल पाया है,
कड़वा सच भी सहना सीख लिया....!

हवा के संग बहते हुए चलते,
अपनें पांव पर खड़ा रहना सीख लिया....!

दिल पत्थर ही ना बन जाए कहीं,
आंसू बनकर बहना सीख लिया....!

सुकून से जिंदगी को जीने के लिए,
लोगों के दिलों में रहना सीख लिया....!

झूठी सान में जिवन खोया तो,
तब जिल्लत में रहना सीख लिया....!

हार जीत सब बेमानी बातें है,
वक्त के सांचे में ढलना सीख लिया....!!

मैंने दुनिया में रहना सीख लिया....!!!

प्रभात...........

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem