घर आए जब खून से लथपथ भारत देश के वीर जवान... Hindi desh bhakti poem

टूट गई हाथों की चूड़ी,
उजड़ गया माथे का सिन्दूर...

घर आए जब खून से लथपथ,
भारत देश के वीर जवान...

रोते बिलखते बच्चे पुछे,
पापा मेरे कहां गए...?

कैसे बताएं उन मासूमों को,
अब पापा उनके नहीं रहे...

घर का था वो एक सहारा,
बुढ़े मां-बाप की आंखों का तारा...

रोशन था जिस बेटे से घर,
वो चिराग ही अब बुझ गया...

पुलवामा के शहिदों की शहादत,
हमसे यह कह रही...

जली है जो सीने में आग,
इसे हमेशा जलाए रखना...

आज मर-मिटे है हम इस वतन पर,
और भी मिटने को तैयार हैं...

डाली जो बुरी नजर इस देश पर,
उसका करना हमें बुरा हाल है...

सलाम है मेरे भारत के वीर शहिदों को✊
वंदे मातरम् 🙏

प्रभात............

Comments

  1. Suprabhat drrrrrrrr
    Hv a blesse day
    बहुत दर्द भरी कविता है... 😢

    कैसे लिखूं गुड मोर्निंग पूरा देश शोक में है .. ..

    कैसे लिखूं शुभ प्रभात के किसीके घर का चिराग बुझ गया है....

    अब तो सिर्फ आंखों से आंसू और मुंह से वंदे मातरम् ही निकल रहा है!

    जय हिंद जय जवान
    🌹🌹🌹🌹🌹🌹

    शत शत नमन शहीद वीर जवानो को
    🙏🙏

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem