जीवन का उद्देश्य.....!!! Hindi suvichar

व्यवहार मीठा न हो तो;
हिचकियां भी नहीं आती...

बोल मीठे न हो तो;
कीमती मोबाइल पर;
घंटियां भी नहीं आती...

घर बड़ा हो या छोटा;
दिल बड़ा न हो तो इंसान तो क्या;
चिड़ियां भी नहीं आती...

जीवन का आरंभ खुद के रोने से होता है...
और जीवन का अंत दुसरे के रोने से होता है...

इस आरंभ और अंत के बीच का जीवन हस्य भरा हो.. 
बस यही तो सच्चा जीवन है...

हे प्रभु... 

न किसी का फेंका हुआ मिले...
न किसी से छीना हुआ मिले...

मुझे तो जो भी मिले...
मेरे नसीब में लिखा हुआ मिले...

बस इतना देना मेरे मालिक....

अगर जमीन पर बैठूं तो;
लोग उसे मेरा बड़प्पन कहें;
मेरी औकात नहीं......

प्रभात...........

Comments

  1. Aapki har baat me sachai hoti he
    Bahot hi badhiya suvichar dr Prabhat

    ��������

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thanks my dear
      Pratibha

      Tum ko pasand aati hai Meri likhi post
      Ye Meri khushnashibi hai
      😊👉🌹

      Delete

Post a Comment

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem